आवारा कुत्तों पर घमासान: चिकन खाने वाले बने पशु प्रेमी... दिल्ली सरकार के इस तर्क पर भड़के एनिमल लवर्स

दिल्ली में सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाने पर बवाल जारी
दिल्ली एनसीआर में आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर डॉग शेल्टर होम में रखने के निर्देश के बाद से घमासान जारी है। आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई। इसमें दिल्ली सरकार और पशु प्रेमियों की तरफ से दलीलें रखी गईं। दिल्ली सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा, वहीं पशु प्रेमियों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तीखा पलटवार किया। खास बात है कि सुनवाई के बाद भी पशु प्रेमियों का गुस्सा बरकरार था।
मीडिया से बातचीत में पीपल फॉर एनिमल्स इंडिया की ट्रस्टी गौरी मौलेखी ने कहा कि आज कोर्ट में सभी वकीलों ने कहा कि ऐसा आदेश न तो व्यावहारिक था और न ही इंसानों या जानवरों के हित में है। उन्होंने कहा कि आज की सुनवाई में कई दयालु लोग और बार के प्रमुख वकील शामिल हुए। हमने देखा कि 150 से ज्यादा वकील सुनवाई देखने आए थे। अदालत में पांव रखने की जगह नहीं थी। आज कोर्ट ने सभी की बात को शांतिपूर्वक सुना और फैसला सुरक्षित रख लिया। उन्होने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस घातक आदेश पर अवश्य रोक लगेगी।
#WATCH | Delhi | On SC reserving order on stray dogs in Delhi-NCR, Trustee at People for Animals India, Gauri Maulekhi, says, "All the advocates in the Court today said that such an order is neither practical nor in the interest of humans or animals."
— ANI (@ANI) August 14, 2025
She says, "Many… pic.twitter.com/nNWM2Z0qC6
'चिकन खाने वाले पशु प्रेमी होने का करते हैं दावा'
उधर, इस मामले की सुनवाई के दौरान भी गहमाहमी दिखाई दी। दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कुछ लोग चिकन और अंडे खाने वाले भी खुद को पशु प्रेमी होने का दावा करते हैं। उन्होंने कहा कि ये संख्या कम है, लेकिन पीड़ितों की संख्या ज्यादा है। लोग अपने बच्चों को घर से बाहर भेजने में डर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह ऐसा मुद्दा है, जिसका समाधान होना चाहिए। यहां क्लिक कर पढ़िये विस्तृत खबर
