पुरानी दिल्ली पर 'सुप्रीम' नजर: चांदनी चौक में स्वीकृत नक्शे के तहत बनी इमारतों पर भी चलेगा बुलडोजर?

चांदनी चौक में अनाधिकृत निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त।
दिल्ली के चांदनी चौक में किसी भी आवासीय संपत्ति को कमर्शियल संपत्ति में नहीं बदला जाना चाहिए। अगर एमसीडी के अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसा हुआ, तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्यवाही की जाएगी। यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने चांदनी चौक में अनाधिकृत निर्माण पर भी कड़ी आपत्ति जताई। कहा कि अदालत ने रोक लगाई, फिर भी निर्माण हो रहा है। शीर्ष न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को चेताया कि अनाधिकृत निर्माण के लिए एक ईंट भी रखी गई, तो उसे अरेस्ट किया जाना चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चांदनी चौक नागरिक मंच के महासचिव और दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि कई इमारतों का निर्माण खतरनाक ढंग से किया जा रहा है। खासकर चौथी और पांचवीं मंजिल भी बनाई जा रही है, जिस पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चांदनी चौक में अनाधिकृत निर्माण को लेकर टिप्पणी की, उसका सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि नक्शा पास कराकर, उसके अनुरूप ही निर्माण होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के तहत रिहायशी और कमर्शियल भूमि का उपयोग लिखा है, उसका पालन होना चाहिए। दिल्ली नगर निगम में शुल्क का भुगतान कर वैध निर्माण और उपयोग से कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने मेयर राजा इकबार सिंह, आयुक्त अश्ववनी कुमार और पुलिस आयुक्त से सुप्रीम कोर्ट जाकर अवैध निर्माण की स्पष्ट व्याख्या करने का आग्रह किया है। कहा कि कोर्ट को ये भी बताएं कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस को निर्माण गतिविधियों में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप करने से दूर करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि एमसीडी को सुप्रीम कोर्ट से स्पष्ट करना होगा कि क्या स्वीकृत नक्शे के तहत बन रही इमारत, कानूनन रिपेयर एंड मास्टर प्लान 2021 और 2041 नोटिफाई स्ट्रीट शॉपिंग और व्यवसायिक निर्माण और उपयोग को भी रोकना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी कन्फ्यूजन दूर होनी चाहिए।
