शिक्षा के प्रति बढ़ाएंगे ‘उल्लास’ :  जिन्हें नहीं मिली स्कूली शिक्षा उनको पढ़ा-लिखा कर बनाएंगे साक्षर-सक्षम 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उल्लेखित उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत सर्वे किया जा रहा है।

बेमेतरा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उल्लेखित उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत सर्वे किया जा रहा है। इसके लिए संकुल समन्वयक सिंघौरी धनीराम बंजारे, प्राथमिक शाला सिंघौरी के प्रधान पाठक किरण खरे और सहायक शिक्षिका लक्ष्मी साहू जानकारी जुटाने के लिए घर-घर जा रहे हैं। उल्लास कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्कूली शिक्षा से वंचित असाक्षरों को पढ़ा-लिखा कर साक्षर बनाना है। इसके लिए पास के ही स्कूल को साक्षर केंद्र बनाया गया है।

bemetara.
साक्षरता सर्वे के लिए निकले शिक्षक

इन साक्षर केंद्रों में स्वयंसेवी शिक्षक असाक्षरों को पढ़ाएंगे। इसके लिए ग्राम और वार्डों से 15 साल के ऊपर के असाक्षरों को लिया जाएगा। संकुल समन्वयक धनीराम बंजारे ने बताया कि, इस योजना का उद्देश्य न केवल आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान प्रदान करना है बल्कि 21वीं सदी के नागरिकों के लिए जरूरी अन्य घटकों को भी शामिल करना है। जैसे महत्वपूर्ण जीवन कौशल, स्वास्थ्य देखभाल और जागरूकता। इसका महत्व यह है कि साक्षरता लोगों को सशक्त और स्वतंत्र बनाती हैं। साक्षरता क्षमताओं का विस्तार करके जीवन को बेहतर बनाती हैं जो बदले में गरीबी को कम करती हैं, श्रम बाजार में भागीदारी बढ़ाती है, स्वास्थ्य और सतत विकास पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।

जाने क्या है न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के अनुसार, भारत सरकार ने 2022-2027 तक पाँच साल की अवधि के लिए न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम नामक एक केंद्र प्रायोजित योजना शुरू की है। जिसे लोकप्रिय रूप से उल्लास (समाज में सभी के लिए आजीवन सीखने की समझ) के रूप में जाना जाता है। इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य 15 साल और उससे ज्यादा आयु के सभी वयस्कों को साक्षर बनाना है और उन्हें देश के विकास में योगदान करने में सक्षम बनाना है। यह न केवल शिक्षार्थियों को पढ़ने, लिखने और अंकगणित कौशल हासिल करने की अनुमति देता है, बल्कि आजीवन सीखने को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें महत्वपूर्ण जीवन कौशल की समझ से समृद्ध भी करता है। इस योजना को स्वैच्छिकता, सामाजिक जिम्मेदारी और कर्तव्यबोध की भावना को बढ़ावा देने के माध्यम से लागू किया जा रहा है।

bemetara...
ग्रामीण महिला से बात करती हुई शिक्षिकाएं

यह योजना नहीं आंदोलन है- संकुल समन्वयक

संकुल समन्वयक धनी राम बंजारे ने बताया कि, यह योजना साक्षरता कार्यक्रम से कहीं बढ़कर है। यह एक आंदोलन है। एक उज्ज्वल भविष्य और सशक्त नागरिकों की ओर एक अभियान है। यह मानता है कि, साक्षरता एक मानव अधिकार है और इस अधिकार को सभी के लिए सुलभ बनाने का प्रयास करता है। इस यात्रा पर निकलने वाले शिक्षार्थी न केवल पढ़ना और लिखना सीखते हैं बल्कि अपने जीवन, अपनी आजीविका और अपने समुदायों में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में भी सक्षम होते हैं। पढ़ा गया प्रत्येक शब्द, गणना की गई प्रत्येक संख्या और समझा गया प्रत्येक विचार उन्हें उनके सपनों के एक कदम करीब लाता है और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगा।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story