गिद्धों की होगी टैगिंग : लगाया जायेगा जीपीएस, भोजन और पानी की होगी व्यवस्था 

Vultures sitting in Indravati Tiger Reserve
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इंद्रावती टाईगर रिजर्व में बैठे हुए गिद्ध
इंद्रावती टाईगर रिजर्व बीजापुर में मिले गिद्धों की टैगिंग कर टैग और जीपीएस लगाएं जाएंगे। जिससे गिद्धों के हर राज से पर्दा उठेगा। इसके लिए रिजर्व के अधिकारी प्रयास कर रहे हैं।

महेंद्र विश्वकर्मा-जगदलपुर। इंद्रावती टाईगर रिजर्व बीजापुर में मिले गिद्धों की टैगिंग कर टैग और जीपीएस लगाएं जाएंगे। जिससे गिद्धों के हर राज से पर्दा उठेगा। इसके लिए रिजर्व के अधिकारी प्रयास कर रहे हैं। गिद्धों की भूमिका सामाजिक रूप से भी काफी ज्यादा है। गिद्ध मुर्दा खोर पक्षी है और बड़े जानवरों के शवों को कुछ ही समय में चट कर जाते हैं।

इनकी यही खासियत इन्हें पर्यावरण स्वच्छता के लिहाज से भी खास बना देती है। इन्द्रावती टाईगर रिजर्व बीजापुर के सटे गांव में 3 विलुप्त प्रजाति के 140 गिद्ध मिले। इसके लिए उसके अस्तित्व को जानने के उद्देश्य से टैगिंग किया जाएगा। इसमें साथ ही टैग और जीपीएस लगाकर छोड़ा जाएगा। जीपीएस ट्रैकर के माध्यम सें उसकी लोकेशन और गतिविधियों की जानकारी कर डाटा तैयार किया जाएगा। पक्षियों की पीठ पर पंखों के बीच उपकरण लगाए जाएंगे। सैटेलाइट टैग के माध्यम से इनकी हर गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। गिद्धों के भोजन, पानी की स्थिति और वास स्थल की भी जानकारी ली जाएगी।

अनुसंधान के लिए विशेषज्ञ बुलाए जाएंगे

इंद्रावती टायगर रिजर्व जगदलपुर के मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीवन) और क्षेत्रीय निदेशक राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि, गिद्धों की टैगिंग की जाएगी। इसके लिए अनुसंधान के विशेषज्ञ बुलाए जाएंगे।

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