आरक्षक आरती कुंजाम हत्याकांड : साढ़े 5 साल तक चला मामला, न्यायालय में अपराध सिद्ध नहीं कर पाई पुलिस.. सब इंस्पेक्टर दोषमुक्त

murder case
X
murder case
महिला आरक्षक आरती कुंजाम अंबागढ़ चौकी थाने में पदस्थ थी। उसकी लाश तुकड़ों में नदी में तैरती पाई गई थी। मामले ने पूरे क्षेत्र को झकझोरकर रख दिया था।

एनिशपुरी गोस्वामी-मोहला। आरक्षक आरती कुंजाम की बहुचर्चित हत्याकांड में आज शाम 5 बजे विशेष न्यायाधीश राजनांदगांव ने आरोपी सब इंस्पेक्टर डीपी नापित को इस जघन्य हत्याकांड में दोषमुक्त करार दिया है। साढे 5 साल चले मामले में पुलिस न्यायालय में अपराध सिद्ध नहीं कर पाई।
उल्लेखनीय है कि, अंबागढ़ चौकी थाने में पदक आरक्षक आरती कुंजाम 20 अगस्त 2018 को बिना किसी सूचना के गायब मिली। जिसकी सर, हाथ पैर कटी लाश डोंगरगांव थाने के करीब बगदाई नदी में तैरते हुए नग्न अवस्था में मिली थी। शव का पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद डोंगरगांव पुलिस ने इस मामले में अज्ञात के खिलाफ हत्या का एफआईआर दर्ज कर मामले को जांच में लिया।

प्रेम प्रसंग में हत्या का था शक
विवेचना के दौरान 31 अगस्त को बहुचर्चित हत्याकांड में अंबागढ़ चौकी थाने में ही पदस्थ अधिकारी सब इंस्पेक्टर डीपी नापित को आनन-फानन में गिरफ्तार करते हुए डोंगरगांव पुलिस ने प्रेम प्रसंग के तहत मृतका के द्वारा प्रताड़ित करने के आरोपो में हत्या किए जाने को लेकर सब इंस्पेक्टर को मामले में हिरासत में लिया। आज शाम 5: बजे विद्वान विशेष न्यायाधीश थॉमस एक्का राजनांदगांव ने सब इंस्पेक्टर डीपी नापित को सारे आरोपों से दोष मुक्त कर दिया है।

अपने ही आरक्षक को न्याय नहीं दिला पाई पुलिस
गौरतलब है कि पुलिस विभाग ने अपने ही आरक्षक के परिवार को न्याय नहीं दिला पाई। न्यायालय में अपराध सिद्ध नहीं कर पाने की वजह से न्यायालय का आज इस प्रकरण में बड़ा फैसला सामने आया है। इस हत्याकांड के आरोपी सब इंस्पेक्टर डीपी नापित के अधिवक्ता कदीर सिद्दीकी ने कहा कि, अभियोजन पक्ष मामले को न्यायालय में प्रमाणित करने में असफल रहा, जिसके चलते विद्वान विशेष न्यायाधीश ने सारे आरोपो से उन्हें दोष मुक्त किया है।

officers
जांच करते अफसर
WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story