बजट मिलने के बाद भी नहीं बनी सड़क : ग्रामीण पगडंडी पर चलने को मजबूर, 25 करोड़ किया गया था अलॉट

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पगडंडी
कावापाल से बम्हनी तक पक्की सड़क नहीं बनने से ग्रामीणों को आवाजाही के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। 

महेंद्र विश्कर्मा-जगदलपुर। बस्तर जिले में एक साल पहले लोक निर्माण विभाग की तरफ से कावापाल से बम्हनी तक 12 किमी तक लगभग 25 करोड़ रुपए की लागत से सड़क निर्माण करने की कोशिश की गई। यह क्षेत्र वन विभाग का है इस वजह से विभाग ने सड़क बनाने के लिए अनुमति नहीं दी। इस वजह से यहां पर सड़क नहीं बन सकी।

यहां पर सड़क नहीं होने के कारण ही ग्रामीण जंगल में पगडंडी से गुजरने के लिए मजबूर हैं। बाजार जाना हो या किसी दूसरे गांव उन्हें जंगल के इसी पगडंडी पर जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव जाने के लिए काफी दिक्कतें होती हैं। बरसात में परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है। जब रात में तबीयत खराब हो जाए तो सही समय पर इलाज भी नहीं मिल पाती है। कई बार जनप्रतिनिधियों से गांव के लिए सड़क की मांग की गई है। लेकिन आज तक यहां पर सड़क नहीं बन सका है।

Dirt track
कच्ची सड़क

आवेदन देने पर मिलेगी मंजूरी

वन विभाग जगदलपुर के मंडलाधिकारी उत्तम कुमार गुप्ता ने बताया कि, सड़क निर्माण के लिए संबंधित विभाग आवेदन देगा तो नियमानुसार मुख्यालय से मंजूरी मिलेगी।

बजट से गायब होने पर मुख्यालय को दी जानकारी

लोक निर्माण विभाग जगदलपुर क्षेत्र के मुख्य अभियंता जीआर रावटे ने बताया कि, समय पर सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं होने की वजह से बजट से राशि गायब हो गई है। जिसकी सूचना मुख्यालय तक भेजी गई है।

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