अब नहीं खुलेंगे नए बीएड कॉलेज : 5 सालों में पूर्णतः बंद होगा बीएड-डीएलएड

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प्रतीकात्मक तस्वीर
छत्तीसगढ़ में दो वर्षीय पाठ्यक्रम वाले नए बीएड महाविद्यालय नहीं खुलेंगे। किसी भी महाविद्यालय को द्विवर्षीय बीएड पाठ्यक्रम अथवा डीएलएड के लिए नवीन मान्यता नहीं मिलेगी।

रायपुर। शैक्षणिक सत्र 2025-26 से छत्तीसगढ़ में दो वर्षीय पाठ्यक्रम वाले नए बीएड महाविद्यालय नहीं खुलेंगे। इसके अतिरिक्त किसी भी महाविद्यालय को द्विवर्षीय बीएड पाठ्यक्रम अथवा डीएलएड के लिए नवीन मान्यता नहीं मिलेगी। ऐसा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नवीन प्रावधानों के तहत किया जा रहा है। एनईपी के तहत अब द्विवर्षीय पाठ्यक्रम के स्थान पर चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीए-बीएड और बीएससी-बीएड का संचालन किया जाना है।

नई व्यवस्था के अंतर्गत ही द्विवर्षीय बीएड पाठ्यक्रम और डीएलएड के लिए नवीन मान्यता प्रतिबंधित कर दी गई है। जिन महाविद्यालयों में पहले से ही द्विवर्षीय बीएड पाठ्यक्रम अथवा डीएलएड का संचालन हो रहा है, उसे भी क्रमशः 2030 तक बंद कर दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ के सभी कॉलेज जहां द्विवर्षीय बीएड व डीएलएड पाठ्यक्रम का संचालन होता है, उन्हें पांच सालों का समय दिया गया है। इस अवधि में उन्हें या तो अपने संस्थान को बंद करना होगा अथवा संस्थान में संचालित हो रहे बीएड व डीएलएड पाठ्यक्रम को बीए-बीएड व बीएससी-बीएड में तब्दील करना होगा।

एनसीटीई देता है मंजूरी

नवीन बीएड-डीएलड महाविद्यालय प्रारंभ करने के लिए एनसीटीई अर्थात नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजूकेशन की मंजूरी अनिवार्य होती है। एनसीटीई द्वारा मान्यता दिए जाने के बाद ही महाविद्यालयों में बीएड अथवा डीएलएड पाठ्यक्रमों का संचालन होता है। जुलाई में नवीन शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के 5 से 6 माह पूर्व अथवा इससे भी पहले मान्यता व नवीनीकरण के लिए संस्थान द्वारा एनसीटीई को खत लिखा जाता है। चूंकि दो साल वाले बीएड कोर्स व डीएलएड को बंद किया जा रहा है, इसलिए इस बार नवीन मान्यता के लिए कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है।

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पुराने महाविद्यालय भी गुजरेंगे कठिन प्रक्रिया से

प्रदेश में 140 ऐसे महाविद्यालय हैं, जहां बीएड-डीएलएड पाठ्यक्रमों का संचालन होता है। इनमें से कुछ महाविद्यालयों में मात्र शिक्षा संबंधित पाठ्यक्रम ही संचालित होते हैं तो कुछ में बीए- बीकॉम सहित अन्य परंपरागत पाठ्यक्रमों का भी संचालन होता है। इनमें से कुछ संस्थान बीए-बीएड व बीएससी-बीएड प्रारंभ कर चुके हैं, तो कुछ इसकी तैयारी कर रहे हैं। बीए-बीएड व बीएससी- बीएड संचालन के लिए एनसीटीई ने नियम कड़े किए हैं। ऐसे में पुराने महाविद्यालयों को भी कठिन प्रक्रिया से गुजरना होगा।

स्वीकृत नहीं होंगे प्रस्ताव

प्रोफेशनल कॉलेज के संयोजक राजीव गुप्ता ने बताया कि, नवीन बीएड महाविद्यालयों के लिए प्रस्ताव अब स्वीकृत नहीं होंगे। इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस कारण नवीन आवेदन प्रेषित नहीं किए जा रहे हैं।

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