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बीएड अभ्यर्थियों को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बड़ा बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि, अभी बीएड अभ्यर्थी सहायक शिक्षकों को नहीं निकाला जाएगा। उनके लिए कोई न कोई रास्ता सरकार जरूर निकालेगी।

सोमा शर्मा-नवापारा। बीएड अभ्यर्थियों को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बड़ा बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि, अभी बीएड अभ्यर्थी सहायक शिक्षकों को नहीं निकाला जाएगा। उनके लिए कोई न कोई रास्ता सरकार जरूर निकालेगी। पिछली सरकार में नियमानुसार भर्ती हुई थी। बस्तर के सरगुजा के बीहड़ इलाकों में पिछले 6 महीने से ये अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन्हें निकालने पर 3 हजार लोग बेरोजगार हो जाएंगे। वहीं 20-25 हजार परिवारों के सामने रोजी-रोटी की परेशानी खड़ी होगी। 

बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने 2 अप्रैल 2024 के अपने आदेश में सहायक शिक्षक के पद पर भर्ती बीएड अभ्यर्थियों को बाहर निकालने का फैसला सुनाया है। पिछली सरकार में बीएड अभ्यर्थियों की सहायक शिक्षक के पद पर नियमानुसार बाकायदा व्यापम से परीक्षा देकर मेरिट बेस में इनका चयन हुआ था। भर्ती विज्ञापन में भी बीएड अभ्यर्थियों को सहायक शिक्षक के लिए पात्र बताया गया था जिसके अनुसार सभी बीएड अभ्यर्थी परीक्षा देकर सहायक शिक्षक के रूप में विगत 6 माह से कार्यरत हैं, यदि इन 3 हजार बीएड अभ्यर्थियों को बाहर निकाल दिया जाता है तो वह बेरोजगार हो जाएंगे। साथ ही उनके परिवार के लगभग 20 से 25000 लोग जो कि उनपर आश्रित हैं वे भी घर से बेघर हो जाएंगे।

शासन के बन चुके हैं कर्मचारी

पिछले 6 माह से शासन के कर्मचारी बन चुके ये अभ्यर्थी अपनी महत्वपूर्ण सरकारी नौकरी, संविदा जैसा छोड़कर पदस्थ हुए। नक्सल क्षेत्रों में चुनाव ड्यूटी तक कर चुके। इसी दौरान कई लोगों ने लोन ले लिया, किसी की शादी तय हो गई वह भी टूटने के कगार पर आ पहुंची है। सभी अभ्यार्थी सहित उनका पूरा परिवार मानसिक तनाव से गुजर रहा है। सभी के मन में एक ही सवाल है कि, शासन के कर्मचारी बन चुके 6 माह से अपनी सेवा देने के बाद ये कैसे निकाले जा सकते हैं, इन्हें कैसे बेरोजगार किया जा सकता है।

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