बस्तर भ्रमण : जानी आदिवासियों की समस्याएं, सरकार के समक्ष रखेंगे बस्तर की बात

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छत्तीसगढ़ मानव अधिकार जन-जागरण फाउंडेशन का बस्तर भ्रमण कार्यक्रम
वकीलों, पत्रकारों और समाज सेवियों की सहभागिता वाले इस संगठन ने बस्तर की समस्याओं और वहां के प्राकृतिक सौंदर्य से लोगों को अवगत कराने  बीड़ा उठाया है। 

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ मानव अधिकार जेजेएफ का बस्तर भ्रमण कार्यक्रम पूरा हुआ। छत्तीसगढ़ मानव अधिकार संगठन छत्तीसगढ़ शासन से पंजीकृत संस्था है। यह संस्थान लोगों का कई वर्षों से मार्गदर्शन और सहयोग करता आ रहा है। इस संस्था का प्रमुख ढांचा अधिवक्ता, पत्रकार और समाज सेवकों से मिलकर बना है।

इस संस्था ने 27 दिसंबर से 31 दिसंबर तक अपना बस्तर संभाग पयर्टन स्थल भ्रमण और भ्रमण के उद्देश्य को पूरा किया। उनके उद्देश्य इस प्रकार हैं-
1.बस्तर में निवास करने वाले आदिवासियों की समस्याओं से रूबरू होना।
2. वहां के प्राकृतिक भौगोलिक दृश्यों का लुप्त उठाने के साथ-साथ दृश्यों को जन-जन तक पहुंचाना।
3. वहां पर स्थित समस्याओं को शासन-प्रशासन तक पहुंचाना।

आदिवासियों की मांगों से सरकार को करवाया जाएगा अवगत
इस संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष/संस्थापक सी.एस. चौहान ने बताया कि, बस्तर के आदिवासियों की समस्या और पयर्टन स्थल सड़क संचालन व्यवस्था को शासन-प्रशासन से जल्द ही मांग किया जाएगा।

बस्तर की खूबसूरती का उठाया लुत्फ
छत्तीसगढ़ जन जागरण फाउंडेशन के पदाधिकारी ने बस्तर संभाग में तीरथगढ़ जलप्रपात, दंतेश्वरी मां, ढ़ोलकाल गणेश, 32 वां मंदिर, मामा भांजा मंदिर, प्राचीन गणेश मूर्ति, सात धारा जलप्रपात, चित्रकूट जलप्रपात इत्यादि का भ्रमण भी किया जो बस्तर संभाग के जगदलपुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, बीजापुर इत्यादि जिलों में स्थित है। इस भ्रमण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के समस्त जिलों से सदस्य/पदाधिकारी आए हुए थे।

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