कार चलाना सीख रहे युवक ने बच्ची को रौंदा : छुट्टियां बिताने आई थी मामा के घर, अकारण चली गई जान

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एक दर्दनाक हादसे में 8 साल की मासूम बच्ची की मौत हो गई।
बैकुण्ठपुर में गुरुवार सुबह 17 अप्रैल को हादसे में 8 वर्षीय मासूम बालिका की मौत हो गई। मासूम मामा के घर छुट्टियां बिताने आई थी।

प्रवीन्द सिंह कोरिया- बैकुण्ठपुर। छत्तीसगढ़ के बैकुण्ठपुर में गुरुवार को एक दर्दनाक हादसे में 8 वर्षीय मासूम बालिका की मौत हो गई। हादसे के बाद इलाके में मातम छा गया है। दरअसल यह पूरा मामला शहर के प्रेमाबाग स्थित बाबू कॉलोनी की है।

मिली जानकारी अनुसार, प्रेमाबाग निवासी सुनील विश्वकर्मा की भांजी इमांशी विश्वकर्मा, पिता बहादुर विश्वकर्मा (उम्र 8 वर्ष) गुरुवार सुबह 17 अप्रैल को घर के बाउंड्री के भीतर खेल रही थी। इसी दौरान स्कॉर्पियो (CG 16 CQ 2859) वाहन को चला रहा नौसिखिया चालक आयुष पैकरा (उम्र 20 वर्ष), निवासी सत्तीपारा, नियंत्रण खो बैठा और तेज रफ्तार से बाउंड्री गेट में जबरदस्त ठोकर मार दी।

आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है
परिजन बालिका को तत्काल जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हादसे की जानकारी मिलते ही सिटी कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और चालक को हिरासत में लेकर बीएनएस की धारा 106 के तहत मामला दर्ज कर जांच में लिया।

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तेज रफ्तार स्कॉर्पियो वाहन ने बाउंड्री गेट में जा भिड़ा, जहां मासूम खेल रही थी

गर्मी की छुट्टियों में मामा के घर आई थी मासूम
मृतिका इमांशी गर्मियों की छुट्टियां बिताने मामा सुनील विश्वकर्मा के घर आई थी। मामा डेयरी से संबंधित कार्य करते हैं। परिवार में खुशियों का माहौल था, लेकिन एक झटके में सब कुछ मातम में बदल गया।

घनी बस्ती में हो रही थी ड्राइविंग की ट्रेनिंग
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्कॉर्पियो में चालक के साथ एक अन्य युवक भी मौजूद था, जो घनी आबादी वाले क्षेत्र में गाड़ी चलाना सिखा रहा था। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाउंड्री गेट और दीवार बुरी तरह टूट गई है। हादसे के बाद वाहन को पीछे करके किसी तरह बालिका को निकाला गया था।

तेज रफ्तार वाहनों पर नहीं लग रही लगाम
शहर के रिहायशी वार्डों में दुपहिया और चारपहिया वाहनों की गति पर कोई नियंत्रण नहीं है। ऐसे इलाकों में बच्चे सड़कों और घरों के सामने खेलते रहते है। जिससे दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है। जाहिर है कि लोगों को एसे स्थान से हटकर खुले इलाकों में इस तरह के कार्य करना चाहिए। स्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की है।

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