शराब शौकीनों की बल्ले-बल्ले : छत्तीसगढ़ में अंग्रेजी होगी सस्ती, एक्स्ट्रा ड्यूटी खत्म करने का ऐलान

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छत्तीसगढ़ की नई आबकारी नीति पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इसके बाद अंग्रेजी शराब पर एक्सट्रा ड्यूटी खत्म हो जाएगी। इस निर्णय से 1 अप्रैल के बाद से अंग्रेजी शराब सस्ती होगी।   

रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब प्रेमियों के लिए प्रदेश सरकार का एक निर्णय खुशियां लेकर आया है। दरअसल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में रविवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य की नई आबकारी नीति को मंजूर कर लिया गया। नई नीति में दुकानें तो यथावत रहेंगी, पर विदेशी शराब में एक्सट्रा ड्यूटी को खत्म कर दिया गया, इससे संभव है कि, पहली अप्रैल से विदेशी शराब सस्ती हो जाए। बैठक में रजिस्ट्र अधिनियम में बदलाव के के प्रारूप को भी मंजूरी दे दी गई यानी राज्य में 1908 से लागू रजिस्ट्री अधिनियम बदला जाएगा। इस काम के लिए राज्य सरकार ने रजिस्ट्रीकरण संशोधन अधिनियम ला रहा है। बताया गया है कि यह विधेयक अब राज्य विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में पेश किया जाएगा। विधेयक पारित होने के बाद उसे अनुमति के लिए राज्यपाल के पास भेजेंगे। अनुमति मिलने के बाद से राज्य में नया रजिस्ट्री अधिनियम लागू हो जाएगा।

धान परिवहन के लिए अनुशंसित दर मंजूर

खरीफ विपणन वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 के समर्थन मूल्य योजना में धान एवं चावल परिवहन की दर के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति की अनुशंसा दर को स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया। छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा होगा। मदिरा पर लागू अधोसंरचना विकास शुल्क यथावत् रहेगा। विदेशी मदिरा फुटकर दुकानों पर 9.5 प्रतिशत की दर से लगने वाला अतिरिक्त आबकारी शुल्क समाप्त होगा। मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ लोक परिसर (बेदखली) (संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

नई आबकारी नीति का अनुमोदन

मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ आबकारी नीति वित्तीय वर्ष 2025-26 का अनुमोदन किया गया। वर्ष 2025-26 की आबकारी नीति वर्ष 2024-25 की भांति होगी। वित्तीय वर्ष 2025-26 में 674 मदिरा दुकानें तथा आवश्यकता अनुसार प्रीमियम मदिरा दुकानें संचालित करने का निर्णय भी यथावत रखा गया है। देशी मदिरा की आपूर्ति पूर्ववत् रेट ऑफर प्रभावी रहेगा। विदेशी मदिरा थोक क्रय, वितरण ।

अब नहीं रहेगी सशक्त समिति

मंत्रिपरिषद द्वारा ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के हित को देखते हुए ई-प्रोक्योरमेंट के लिए गठित सशक्त समिति को समाप्त करने का निर्णय लिया। चूंकि वर्तमान में पीएफआईसी द्वारा 100 करोड़ रूपए से उपर की परियोजनाएं स्वीकृत की जा रही हैं। बड़ी आईटी परियोजनाओं के संबंध में पहले से सशक्त समिति अनुमोदन की अनिवार्यता होने से अनुमोदन प्रक्रिया का डुप्लिकेशन होता है। इस कारण सशक्त समिति को समाप्त करने का निर्णय लिया। छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण और उपभोक्ता मामलों की समयबद्ध सुनवाई के लिए सदस्य का एक नवीन पद सृजित होगा।

रजिस्ट्री उप पंजीयक के पदों के लिए छूट

रजिस्ट्री ऑफिसों के नियमित रूप से संचालन के लिए वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग में उप पंजीयक के पदोन्नति श्रेणी के रिक्त 9 पदों की पूर्ति के लिए पांच वर्ष की अर्हकारी सेवा में एक बार के लिए छूट देन का निर्णय लिया गया।

भंडार क्रय नियम में संशोधन

राज्य में 01 नवम्बर 2024 से औद्योगिक विकास नीति 2024-30 प्रभावशील है। इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ शासन भण्डार क्रय नियम-2002 में प्रस्तावित संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। छत्तीसगढ़ सरकार एवं व्यक्ति विकास केन्द्र इंडिया (द आर्ट ऑफ लिविंग) के मध्य आजीविका सृजन एवं ग्रामीण छत्तीसगढ़ का कल्याण विषयक एमओयू के लिए राज्य सरकार के सुशासन एवं अभिसरण विभाग को अधिकृत किया गया।a

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