भाटापारा में निकली भगवान श्रीराम की ऐतिहासिक शोभायात्रा: सौ से अधिक भजन मंडलियों ने सजाया भक्तिमय माहौल

भगवन श्री राम की ऐतिहासिक शोभायात्रा
तुलसीराम जायसवाल - भाटापारा। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के भाटापारा नगर में आयोजित श्री अखंड रामनाम सप्ताह के 87वें वर्ष पूर्ण होने पर भगवान श्रीराम की भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
इस ऐतिहासिक शोभायात्रा में छत्तीसगढ़ प्रदेशभर से लगभग 100 से अधिक भजन मंडलियों ने भाग लेकर रामधुन और भजनों से पूरे नगर का माहौल भक्तिमय बना दिया। यात्रा के दौरान नगर के विभिन्न चौक-चौराहों पर समाज, संस्थाओं और विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क नाश्ता, चाय, शरबत एवं भोजन का वितरण किया गया।
बलौदाबाजार जिले के भाटापारा में श्री अखंड रामनाम सप्ताह के 87वें वर्ष पर भगवान श्रीराम की भव्य शोभायात्रा निकाली गई...@BalodaBazarDist #ChhattisgarhNews #ShriRam #Shobhayatra pic.twitter.com/N4BnNdvnKl
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) August 18, 2025
श्रद्धालुओं को निःशुल्क पानी और नाश्ते का वितरण
विशेष रूप से मुस्लिम बोहरा समाज ने भी भगवान राम की पूजा-अर्चना कर शोभायात्रा में अपनी भागीदारी दी। बोहरा समाज के जाहेद भाई ने भगवान राम की प्रतिमा के समक्ष पूजा कर शहर और प्रदेश की सुख-शांति की मंगलकामना की। साथ ही समाज द्वारा श्रद्धालुओं को निःशुल्क पानी और नाश्ते का वितरण भी किया गया। यह भव्य शोभायात्रा नगर भ्रमण कर देर रात लगभग ढाई बजे मुख्य मंदिर परिसर में पहुंचकर सम्पन्न हुई।
जगतारिणी काली दुर्गा मंदिर में धार्मिक आयोजन
वहीं 9 अगस्त को दुर्ग जिले में उरला क्षेत्र स्थित वॉर्ड क्रमांक 58 स्थित मां जगतारिणी काली दुर्गा मंदिर परिसर में गुरुवार को एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया। यह आयोजन मां जागतारण काली दुर्गा मंदिर के निर्माता एवं परम पूज्य गुरू की अखंड सौभाग्यवती धर्मपत्नी स्व.रागिनी देवी जी की प्रथम पुण्यतिथि के पावन अवसर पर किया जा रहा है।
धार्मिक भावना और समाज सेवा के प्रति समर्पित थीं स्व.रागिनी देवी
यह आयोजन शहरवासियों के लिए बेहद आकर्षण का केंद्र बना रहा। इस अवसर पर उनकी मूर्ति की स्थापना दोपहर 12 बजे की गई। कार्यक्रम का आयोजन मां माताकाली मंदिर समिति द्वारा किया गया है। स्व.रागिनी देवी जिनका साकेत लोक गमन 7 अगस्त 2024 को हुआ था। धार्मिक भावना और समाज सेवा के प्रति समर्पित थीं। उन्होंने अपने जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए समाज कल्याण व मंदिर निर्माण में सक्रिय योगदान दिया।
आयोजन में इनकी रही मौजूदगी
मूर्ति की स्थापना बाबा महाकाल के महापुजारी पंडित भूषण गुरु महाराज एवं गोपल महाराज द्वारा विधिवत रूप से की गई है। ऐसे में कार्य की सेवा में आकाश कुमार, चंद्रशेखर, बबीता, गुलाब सिंह एवं संपूर्ण मंदिर समिति परिवार कार्यरत उपस्थित रहे।
