पुष्पा-स्टाइल में तस्करी: 27 दिन बाद वन विभाग ने तीन आरोपी को दबोचा

तीन तस्कर गिरफ्तार
गरियाबंद। हरिभूमि डॉट कॉम में 13 अक्टूबर 2025 को प्रकाशित खबर पुष्पा-स्टाइल में सागौन तस्करी, उदंती नदी में बहाई जा रही बेशकीमती लकड़ियां के बाद वन विभाग ने आज कार्रवाई की है। उदंती नदी किनारे सक्रिय लकड़ी तस्करी गिरोह के तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। शशिगानंदन उप निदेशक उदंती सीता नदी टाईगर रिजर्व गरियाबंद एवं उप निदेशक उदंती सीता टाईगर रिजर्व वरुण जैन की अगुवाई में उनकी टीम ने सागौन तस्करी के तीन आरोपी को धर दबोचने में सफल रहे हैं।
यह कार्रवाई उदंती परिक्षेत्र कक्ष क्रमांक 29 की सीमा में की गई, जहां सागौन कटाई और नदी मार्ग से निकासी की सूचनाएं लगातार मिल रही थीं। शशिगानंदन उप निदेशक उदंती सीता नदी टाईगर रिजर्व गरियाबंद के निर्देशन में दक्षिण उदंती परिक्षेत्र अधिकारी चंद्रबलि ध्रुव, वन परिक्षेत्रपाल मनोज कुमार ध्रुव, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी कोयबा सूर्य देव जगतवंशी वन रक्षक एवं सभी वन अमला अन्य जवानों की विशेष टीम गठित की गई थी। गुप्त निगरानी और मुखबिर की सूचना पर सोमवार, 10 नवंबर 2025 की सुबह टीम ने नदी किनारे दबिश दी। मौके से तीन संदिग्धों को घेरा-बंदी कर गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों में तोसूधंस हंस पिता सेबा हंस जाति रावत उम्र 45 वर्ष, संतोष हंस पिता ईश्वर हंस जाति रावत उम्र 31 वर्ष और ओमकार हंस पिता बिनोद हंस जाति रावत, उम्र 28 वर्ष के रूप में हुई है।

आरोपियों को वन विभाग ने पकड़ा
तीनों आरोपी ग्राम सेनदूरसिल थाना सीनापाली, जिला नुआपाड़ा ओडिशा के निवासी बताए गए हैं। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि आरोपी नदी के जलस्तर का फायदा उठाकर सागौन के गीले लट्ठों को बाँस की बेड़ों से बहाकर ओडिशा सीमा तक भेजते थे, जहां से आगे की सप्लाई चेन सक्रिय होती थी। वन विभाग ने आरोपियों पर वन संरक्षण अधिनियम 1972 की धाराएं 27, 29, 31, 50, 51, 52 तथा भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26(1) कडच के तहत मामला दर्ज किया है। तीनों को गिरफ्तार कर विधिक औपचारिकताओं के बाद न्यायालय देवभोग के समक्ष पेश किया गया। विभाग के अनुसार, पहले भी उत्तर उदंती और दक्षिण उदंती परिक्षेत्र से लकड़ी की अवैध निकासी के मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन हरिभूमि में प्रकाशित तस्वीरों और तथ्यों के आधार पर इस बार सीमावर्ती इलाकों में सघन निगरानी, अस्थायी चेकपोस्ट और लगातार रातगश्त से ठोस परिणाम मिले।
खबर प्रकाशन के बाद बनाई गई थी टीम
परिक्षेत्र अधिकारी ने कहा, हरिभूमि में खबर छपने के बाद हमने टीम बनाई। लगातार निगरानी और मुखबिर की सूचना पर यह बड़ी सफलता मिली है। शशिगानंदन एवं वरुण जैन उप निदेशक उदंती सीता नदी टाईगर रिजर्व गरियाबंद ने स्पष्ट किया, वन संपदा की चोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस गैंग के अन्य साथियों की तलाश जारी है।

खरीदारों की तलाश जारी
अफसरों ने बताया कि, आगे की कार्रवाई के तहत विभाग यह पता लगाने में जुटा है कि जब्त लकड़ियों की खरीदारी कौन कर रहा था और नदी मार्ग से इन्हें अंतिम गंतव्य तक कैसे पहुँचाया जाता था। सूत्रों के मुताबिक, यह गिरोह छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर सक्रिय लकड़ी सिंडिकेट से जुड़ा हो सकता है। विभाग ने इस सिंडिकेट की सप्लाई चेन, फाइनेंसरों और रिसीविंग प्वाइंट्स की पहचान के लिए इंटर-स्टेट समन्वय तेज कर दिया है, जबकि सीमा के संवेदनशील घाटों पर अतिरिक्त गश्त और ड्रोन निगरानी बढ़ाई जा रही है।
