पुष्पा-स्टाइल' में सागौन तस्करी: नदी में बहाई जा रही थी बेशकीमती लकड़ियां

सागौन तस्करी
गोरेलाल सिन्हा-गरियाबंद। उदंती-सीता अभयारण्य में वन विभाग ने सागौन तस्करों की एक बड़ी साजिश नाकाम की है। ओडिशा से जुड़े तस्कर लंबे समय से 'पुष्पा-स्टाइल' में सागौन की तस्करी कर रहे थे। वे नदी के तेज बहाव का फायदा उठाकर लकड़ियों को बहा देते थे, जिन्हें आगे जाकर सिंदूरशील और सुनाबेड़ा घाट पर निकाल लिया जाता था।
इस बार वन अमले ने कार्रवाई करते हुए इस तस्कीर का भंडाफोड़ कर दिया है। विभाग को कुछ दिन पहले सूचना मिली थी कि दक्षिण उदंती क्षेत्र में तस्कर नदी के रास्ते सागौन लकड़ी भेज रहे हैं। इस पर विभाग ने गुप्त रणनीति बनाते हुए इलाके में घेराबंदी की। जैसे ही तस्करों ने टीम को देखा, वे मौके से फरार हो गए, लेकिन वनकर्मियों ने साहस दिखाते हुए नदी में छलांग लगाकर बहती हुई सागौन लकड़ी को बरामद कर लिया।

दो साल में 80 गिरफ्तार
पिछले दो वर्षों में उदंती-सीता अभयारण्य प्रशासन ने ओडिशा के तस्करों के खिलाफ 20 से अधिक सफल अभियान चलाए हैं। जिनमें करीब 80 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। लाखों रुपए की कीमती सागौन लकड़ी जब्त की गई है और 50 से ज्यादा वन्यजीव तस्करों पर भी कार्रवाई की गई है। अभयारण्य प्रशासन का कहना है कि सागौन और वन्यजीव तस्करी पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए सीमावर्ती इलाकों में सघन निगरानी बढ़ाई जा रही है और नदी मार्ग की नियमित मॉनिटरिंग जारी रहेगी।
ओडिशा सीमा तक पहुंचाते थे लकड़ियां
बताया गया है कि, तस्कर चार-चार लठ्ठों को एक साथ बांधकर नदी में बहाते थे, ताकि वे बहाव के साथ ओडिशा सीमा तक पहुंच जाएं। विभाग की टीम ने इस तरकीब को नाकाम कर तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

जल्द पकड़ेंगे आरोपियों को
उदंती-सीता अभयारण्य उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि, मौके से कई सागौन लड्डे जब्त किए गए हैं और तस्करों की पहचान की जा रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि सभी आरोपी ओडिशा के रहने वाले हैं। उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
