SIR पर पायलट का हमला: बोले- बिहार की तरह छत्तीसगढ़ में भी लाखों नाम काटने की तैयारी, यह लोकतंत्र पर प्रहार

SIR  प्रक्रिया लोकतंत्र पर प्रहार : पायलट
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SIR प्रक्रिया लोकतंत्र पर प्रहार : पायलट

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट SIR प्रक्रिया को लेकर हमला बोला है। कहा- बिहार की तरह छत्तीसगढ़ में भी लाखों वोटरों के नाम काटने की तैयारी की जा रही है।

महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट गुरुवार को जगदलपुर पहुंचे। जहां पर उन्होंने पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए SIR प्रक्रिया को लोकतंत्र पर प्रहार बताया है। पायलट ने कहा- जिस तरह बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लाखों वोटरों के नाम सूची से हटाए गए थे, उसी तरह अब छत्तीसगढ़ में भी किया जा रहा है।

सचिन पायलट ने कहा- SIR प्रक्रिया पर चुनाव आयोग को स्पष्टता बरतनी चाहिए, क्योंकि यह मुद्दा सीधे-सीधे लोकतंत्र से जुड़ा है। कांग्रेस किसी भी कीमत पर दलित, आदिवासी और ओबीसी वर्ग के मतदाताओं का नाम सूची से कटने नहीं देगी। इन समुदायों की सुरक्षा और अधिकारों को किसी भी सूरत में प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।

बिहार वाली स्थिति छत्तीसगढ़ में दोहराने की कोशिश
सचिन पायलट ने कहा- जिस तरह बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लाखों वोटरों के नाम सूची से हटाए गए थे, उसी पैटर्न को अब छत्तीसगढ़ में लागू करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस लगातार सबूत और दस्तावेज प्रस्तुत कर रही है, लेकिन चुनाव आयोग की ओर से स्पष्ट और ठोस कार्रवाई नजर नहीं आ रही।


कांग्रेस हमेशा हिंसा के खिलाफ खड़ी रही
पायलट ने बस्तर में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान पर कहा कि, कांग्रेस ने बस्तर में कई बड़े नेता खोए हैं और पार्टी हमेशा हिंसा के खिलाफ खड़ी रही है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना जरूरी है और हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

पूर्व विधायक गुलाब कमरो का कटा नाम- महंत
नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए बड़ा खुलासा किया कि, भरतपुर के पूर्व विधायक गुलाब कमरो का नाम उनके ही पैतृक गांव की मतदाता सूची से हटा दिया गया है। महंत ने बताया कि ,कई बार खोजबीन के बाद उनका नाम रायगढ़ जिले के एक गांव की मतदाता सूची में पाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि, जब कांग्रेस के पूर्व विधायक तक चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया से प्रभावित हो सकते हैं, तो आम लोगों को कितनी परेशानी झेलनी पड़ रही होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

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