कृषि अधिकारियों का प्रदर्शन: 9 सूत्रीय मांगों को लेकर CM के नाम सौंपा ज्ञापन, सरकार को दी चेतावनी

कृषि अधिकारियों का प्रदर्शन
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ज्ञापन सौंपते हुए

छत्तीसगढ़ कृषि स्नातक शासकीय कृषि अधिकारी संघ ने पेंड्रा में 9 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया।

आकाश पवार- पेंड्रा। पेंड्रा जिले में छत्तीसगढ़ कृषि स्नातक शासकीय अधिकारी संघ ने अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में जिले के कृषि विभाग के 50 से अधिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

संघ की प्रमुख मांगों में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के लिए वेतनमान संशोधन कर 4300 ग्रेड पे करने, कार्यक्षेत्र का पुनर्निर्धारण, मासिक स्थायी भत्ता 2500 रुपये करने और संसाधन भत्ता जैसे मोबाइल, इंटरनेट, लैपटॉप, स्टेशनरी आदि की व्यवस्था शामिल है।

मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
इसके अलावा, गैर-विभागीय कार्यों से मुक्ति, पदोन्नति प्रक्रिया शुरू करने, और डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) प्रणाली लागू करने की मांग भी जोर-शोर से उठाई गई। प्रदर्शन के दौरान संघ ने तहसीलदार के माध्यम से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।


सबकी निगाहें सरकार के अगले कदम पर
संघ ने चेतावनी दी है कि, यदि सरकार उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं करती है तो वे उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। यह प्रदर्शन जिले के कृषि अधिकारियों के असंतोष को दर्शाता है, और अब सबकी निगाहें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।

शारदा एनर्जी एंड पावर मिनरल्स के खिलाफ धरना-प्रदर्शन
वहीं कुछ सप्ताह पूर्व राजधानी रायपुर में सिलतरा उद्योग के शारदा एनर्जी एंड पावर मिनरल्स के कंपनी के सामने में क्षेत्र के ग्रामीण और जनप्रतिनिधि गेट की कंपनी के सामने अनिश्चित कालिन धरना प्रदर्शन शनिवार की सुबह से ही धरना प्रदर्शन कर किए थे।

स्थायी नौकरी और सुविधाओं की मांग पर अड़े ग्रामीण
इस धरना प्रदर्शन में ग्राम पंचायत मांढर, गिरौद, टेकारी, सांकरा, धलेनी , मुरेठी गांव के जनप्रतिनिधि और सरपंच ग्रामवासी बड़ी संख्या में सम्मिलित है। गेट के सामने सुबह से ही धरना प्रदर्शन की वजह से ड्यूटी में काम करने वाले मजदूर कंपनी के अंदर ही फंसे हुए हैं। जो सुबह के वक्त ड्यूटी पर जाने वाले मजदूर कंपनी अंदर जा नहीं पा रहे हैं। लेकिन अभी तक कंपनी प्रबंधक के जिम्मेदार अधिकारी अभी तक धरना प्रदर्शन स्थल पर नहीं पहुंचे हैं। जिसके चलते लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा था। बता दें कि, शारदा एनर्जी एंड पावर मिनरल्स के कंपनी के सभी मुख्य द्वारों पर ग्रामीण बैठकर धरना प्रदर्शन किये थे।

यह हैं प्रमुख मांगें
सरपंचों ने कंपनी प्रबंधन तथा तहसीलदार, पुलिस और संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर बताया था कि, लाइन लुजर को नौकरी नहीं दिया जा रहा है । सी.एस.आर. मद से कार्य ग्राम पंचायतों में नहीं हो रहा है। शारदा में कर्मचारी लोग 15-20 वर्षों से ठेकेदारी में कार्यरत हैं। उनको आज तक परमानेंट नहीं किया गया है। कभी भी ग्रामीणों को कपनी की रिक्त पदों की जानकारी नहीं दिया जाता। है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों कंपनी प्रशासन की रवैया दुर्भावना पूर्ण रहता है। स्वास्थ्य केन्द्र में किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं दी जाती है। उच्चशिक्षा के होनहार छात्र-छात्राओं को किसी भी प्रकार का प्रोत्साहन राशि नहीं दिया जाता है। नए उद्योग विस्तार में ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया जाता है।

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