बिहार में SIR पर बवाल: तेजस्वी यादव का दावा, वोटर लिस्ट से कटा उनका नाम! ECI ने किया खंडन

Tejashwi Yadav targeted Election Commission for remove his Name from Voter List
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वोटर लिस्ट से कटा तेजस्वी यादव का नाम, चुनाव आयोग पर साधा निशाना।

Tejashwi Yadav: आरजेडी लीडर तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट से उनका नाम काट दिया है। इसको लेकर उन्होंने चुनाव आयोग पर कई सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने 65 लाख लोगों के नाम काटने पर भी चुनाव आयोग पर हमला बोला है।

Tejashwi Yadav: बिहार में चुनाव से पहले SIR को लेकर बवाल मचा हुआ है। विपक्षी दलों का आरोप है कि चुनाव आयोग वोटर लिस्ट से नाम काट रहा है और वो बीजेपी सरकार के इशारे पर काम कर रही है। वहीं एक अगस्त को एसआईआर के बाद वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट जारी किया गया। इसमें तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट से उनका नाम काट दिया है। इसको लेकर तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर कई सवाल उठाए हैं।

तेजस्वी ने कहा, 'हम लोग शुरू से एसआईआर प्रक्रिया शुरुआत से ही SIR प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं। हम कह रहे हैं कि गरीब मतदाताओं का नाम कटेगा। लाखों मतदाताओं के नाम काट दिए गए। चुनाव आयोग ने कहा था कि वो इसकी जानकारी देगा। वोटर लिस्ट ड्राफ्ट जारी कर दिया गया लेकिन ये जानकारी नहीं दी गई।'

इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिए बिना उनपर निशाना साधते हुए कहा, 'दो लोग जो गुजराती हैं, वो जो कहेंगे, वही होगा और उसी का नाम वोटर लिस्ट में आएगा।'

तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा, 'एसआईआर के दौरान फिजिकल वेरिफिकेशन हुआ?, बीएलओ तीन बार मतदाताओं के पास गए? 65 लाख मतदाताओं का नाम सूची से काट दिया गया, उन्हें या उनके रिश्तेदारों को चुनाव आयोग ने कोई नोटिस भेजा?, आखिर चुनाव आयोग मुख्य बातें क्यों छुपा रहा है? पारदर्शिता क्यों नहीं रखी गई?'

उन्होंने कहा कि हर विधानसभा चुनाव में लगभग 20 से 30 हजार लोगों के नाम काटे गए हैं। कुल 65 लाख लोग यानी लगभग 8.5 फीसदी मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं। चुनाव आयोग जब भी कोई विज्ञापन देता था, तो उसमें बताया जाता था कि कितने लोग शिफ्ट हो गए, कितने लोग मृत हैं और कितने लोगों के नाम दोहरे हो गए हैं। हालांकि इस बार चुनाव आयोग ने जो सूची हमें दी है, उसमें बड़ा चालाकी से किसी मतदाता का पता नहीं दिया। बूथ और एपिक नंबर नहीं है। ऐसा इसलिए किया गया ताकि हम मतदाता सूची से काटे गए लोगों के नाम का पता न लगा सकें।

उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग 'गोदी आयोग' हो गया है। मैंने गणना प्रपत्र भरा था और चेक करने की प्रक्रिया के आधार पर मैंने वोटर लिस्ट में अपना नाम चेक किया लेकिन उसमें मेरा नाम नहीं है। ऐसे में चिंता ये है कि मैं चुनाव कैसे लड़ूंगा? चुनाव लड़ने के लिए नागरिक होना जरूरी है। मैंने बीएलओ को फॉर्म भरकर भी दिया था।'

उन्होंने चुनाव आयोग पर हमला बोलते हुए आगे कहा, 'जब आपने पहले ही तय कर लिया कि बिहार में कौन सरकार बनाएगा, तो चुनाव क्यों करा रहे हैं? बिहार से हर साल 3 करोड़ श्रमिक बाहर जाते हैं, उससे ज्यादा नाम आना चाहिए। इन सभी का फिजिकल वेरिफिकेशन कराया? मतदाताओं का नाम काटने से पहले सूचित क्यों नहीं किया? जिन लोगों के नाम वोटर लिस्ट से काटे गए उन्हें अपील के लिए मौका मिला? निर्वाचन आयोग टारगेटेड काम कर रहा है।'

चुनाव आयोग ने खारिज किया तेजस्वी का दावा

तेजस्वी यादव के दावे पर चुनाव आयोग ने एक बयान जारी किया। इस बयान में आयोग ने तेजस्वी के दावा के झूठा और तथ्यात्मक रूप से गलत बताया। चुनाव आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया कि तेजस्वी यादव ने एक शरारतपूर्ण दावा किया कि उनका नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नहीं। चुनाव आयोग ने बताया कि तेजस्वी का नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में क्रमांक 416 पर दर्ज है।

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