RJD Congress Seat Sharing: बिहार में महागठबंधन टूट की कगार पर है। बस औपचारिक ऐलान होना बाकी है। रविवार को पप्पू यादव ने पूर्णिया लोकसभा सीट पर अपना दावा ठोक दिया है। पप्पू यादव ने कांग्रेस नेतृत्व को मुझ पर विश्वास है। मैं लड़ूंगा तो पूर्णिया से ही लड़ूंगा। वहीं, रुपौली विधायक बीमा भारती ने जदयू से खुद को अलग करते हुए राजद का दामन थामा और पूर्णिया से ताल ठोकने की इच्छा जाहिर कर दी है। 

लोकसभा चुनाव से पहले जन अधिकार पार्टी प्रमुख पप्पू यादव ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया। वह बिहार से पांच बार के पूर्व सांसद और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन के पति हैं। उन्हें राजनीति में बिहार के सीमांचल क्षेत्र को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है।

कांग्रेस और लेफ्ट दोनों नाराज
बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं। एनडीए ने सीटों का बंटवार कर लिया है। हालांकि प्रत्याशियों का ऐलान बाकी है। जबकि महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर कई पेंच फंसे हैं। सीट बंटवारे में राजद के फैसले एकतरफा हैं। करीब 15 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिए गए हैं। इससे कांग्रेस और सीपीआई माले नाराज है। 

कांग्रेस बेगूसराय सीट कन्हैया कुमार के लिए चाहती है। लेकिन राजद ने यह सीट सीपीआई एम को थमा दी है। पूर्णिया और कटिहार समेत कई सीटों पर भी कुछ ऐसा विवाद है। कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा कि अभी बातचीत चल रही है। जब गठबंधन टूट जाएगा तब देखा जाएगा। राजद नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव आज दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व से मुलाकात कर सकते हैं। उम्मीद है कि सीट शेयरिंग का पेंच सुलझ सकता है।

कहां फंसा पेंच

कांग्रेस 9 सीट चाहती है। RJD महज 8 सीट देना चाहती है। 
लेफ्ट मोर्चा 5 सीट चाहता है।  RJD सिर्फ 3 सीट देना चाहती है।

पहले चरण में 4 सीटों पर वोटिंग
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 4 सीटों पर चुनाव होना है। इनमें भाजपा कोटे की नवादा और औरंगाबाद सीट शामिल है। नवादा सीट अभी तब लोजपा के खाते में थी। औरंगाबाद सीट से फिर से भाजपा सांसद सुशील सिंह को टिकट मिलने की संभावना है। 

बिहार में नामांकन की आखिरी तारीख 28 मार्च है। ऐसे में उम्मीदवारों के नाम को लेकर उहापोह की स्थिति है। 

2019 के लोकसभा चुनावों में एनडीए को 40 में से 39 सीटें मिली थीं। इस गठबंधन में बीजेपी, जेडीयू (जनता दल-यूनाइटेड), और एलजेपी (लोक जनशक्ति पार्टी) शामिल थी। राजद (राष्ट्रीय जनता दल), कांग्रेस (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस), और आरएलएसपी (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी) केवल एक सीट सुरक्षित करने में कामयाब रहे।