बिहार वोटर लिस्ट विवाद: मतदाता सूची से हटेंगे 89 लाख नाम? कांग्रेस के पत्र पर चुनाव आयोग एक्टिव

बिहार SIR विवाद: कांग्रेस ने खोजे 89 लाख 'फर्जी वोटर'; चुनाव आयोग को सौंपी सूची
Bihar Voter List Controversy: बिहार में वोटर लिस्ट विवाद गहराता ही जा रहा है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग को 89 लाख वोटर्स की सूची सौंपी है। इन नामों को फर्जी वोटर्स बताते हुए मतदाता सूची से अलग करने का अनुरोध किया है। दो दिन में इतनी आपत्तियां मिलने से इलेक्शन कमीशन भी हैरान है। फिलहाल, आपत्तियां तय फार्मेट में दिए जाने को कहा गया है।
बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने रविवार (31 दिसंबर) शाम को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) जिला अध्यक्षों ने पिछले 1-2 दिनों में 89 लाख वोटर्स के नाम पर आपत्तियां दर्ज कराई है, लेकिन यह तय फार्मेट में नहीं हैं। इसलिए जिला निर्वाचन अधिकारी संबंधित निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों के पास इन्हें अग्रेषित कर रहे हैं।
Chief Electoral Officer, Bihar, said in a press release, "The District Congress Committee Presidents of the Indian National Congress have written letters to the District Election Officers in the last 1-2 days to delete the names of about 89 lakh people from the voter list of… pic.twitter.com/zwJ4LwecyP
— ANI (@ANI) August 31, 2025
चुनाव आयोग की 5 प्रमुख बातें
- चुनाव आयोग ने बताया कि कांग्रेस जिलाध्यक्षों ने पिछले 1-2 दिनों में बिहार के करीब जिन 89 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से काटने का अनुरोध किया है। इनमें से कोई भी आपत्ति तय फार्मेट में नहीं है।
- चुनाव आयोग ने बताया कि निर्वाचक पंजीकरण नियम-1960 के नियम 13 के तहत सिर्फ़ फॉर्म-7 में आपत्तियां दी जा सकती हैं। बूथ लेवल एजेंट्स द्वारा निर्धारित प्रपत्र व लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 की धारा 31 के अनुसार, घोषणा के साथ इन्हें दे सकते हैं।
- सुप्रीम कोर्ट ने भी 22 अगस्त 2025 के अंतरिम आदेश में स्पष्ट किया है कि 12 राजनीतिक दलों के द्वारा प्रारूप मतदाता सूची में कोई भी ग़लत नाम की जानकारी संबंधित निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी को निर्धारित प्रारूप में जमा कराएं।
- कांग्रेस जिलाध्यक्षों द्वारा दी गई आपत्ति चूंकि, निर्धारित प्रपत्र में नहीं हैं। इसलिए जिला निर्वाचन अधिकारी इन आपत्तियों को संबंधित निर्वाचन पंजीकरण अधिकारिओं को उचित कार्यवाही के लिए अग्रेषित कर रहे हैं।
- चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि 89 लाख मतदाता एक बहुत बड़ी संख्या है। इनके नाम काटने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले, निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी, कांग्रेस जिलाध्यक्षों से निर्वाचक पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20 (3) (बी) के तहत अपने विवेकानुसार, निर्धारित शपथ लेने के बाद करीब 89 लाख मतदाताओं के नाम काटने की प्रक्रिया पर समुचित निर्णय लेंगे।
SIR में मतदाता सूची से बाहर हुए 65 लाख नाम
बिहार में SIR (मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण) में 65 लाख नाम हटाए गए हैं। 1 अगस्त को मसौदा मतदाता सूची जारी कर दावा आपत्ति दर्ज कराने का 1 सितंबर तक मौका दिया गया। दो दिन पहले तक 33,000 से अधिक लोगों ने नाम जोड़ने और 2 लाख से अधिक लोगों ने नाम हटाने के लिए आवेदन दिया। राष्ट्रीय जनता दल ने दावा आपत्ति की आखिरी डेट बढ़ाए जाने की मांग की है।
