नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम ने धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम की जमकर तारीफ की। उन्होंने इसकी तुलना लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम से करते हुए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को आड़े हाथ लिया। 

एक प्रशंसक ने 'ए स्पोर्ट्स' पर वसीम अकरम से सवाल किया कि हमने धर्मशाला और क्वीन्सटाउन (न्यूजीलैंड) जैसे स्टेडियम देखे हैं, तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) उत्तरी क्षेत्रों में स्टेडियमों के बुनियादी ढांचे में निवेश क्यों नहीं कर रहा है? इस पर अकरम ने जवाब दिया,"हम तीन स्टेडियमों का रखरखाव भी नहीं कर सकते, (बाकी कहां नया बना लेंगे) तो एक नया कैसे बना सकते हैं?"

हम गद्दाफी स्टेडियम नहीं संभाल पा रहे: अकरम
अकरम ने आगे कहा, "क्या आपने गद्दाफी स्टेडियम की छत देखी है जिसे वे ड्रोन से दिखा रहे थे? हमारे पास जो तीन हैं उन्हें हम नियंत्रित भी नहीं कर सकते। हम केवल नया बनाने का सपना ही देख सकते हैं। हालांकि हमारे पास नया स्टेडियम बनाने के लिए पर्याप्त जगह है। एबटाबाद एक बहुत ही खूबसूरत मैदान है।"

धर्मशाला में भारत-इंग्लैंड टेस्ट खेला गया था
बता दें कि धर्मशाला स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवां और आखिरी टेस्ट खेला गया था। भारत ने ये मुकाबला 64 रन से जीता था और सीरीज पर 4-1 से कब्जा जमाया था। यह स्टेडियम धौलाधर पर्वत श्रृंखला के बीच बसा है। यहां चारों हरियाली और सर्दी के मौसम में बर्फ से ढंकी चोटियां नजर आती हैं। यह मैदान समुद्र तल से 1457 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और अपनी खूबसूरती के लिए दुनियाभर में मशहूर है। 

यह भी पढ़ें: Shreyas Iyer Injury: श्रेयस अय्यर ने बढ़ा दी केकेआर की टेंशन, पुरानी परेशानी फिर उभरी, नहीं खेलेंगे शुरुआती मैच!

ये स्टेडियम रातों-रात नहीं बना है। इस स्टेडियम को इंटरनेशनल स्तर का बनने में करीब एक दशक का वक्त लगा है। पिछले साल वनडे विश्व कप के मुकाबले भी हुए थे। तब आउट फील्ड को लेकर काफी सवाल उठे थे। लेकिन, भारत-इंग्लैंड टेस्ट के लिए इसमें काफी सुधार किया था और इसकी सबने तारीफ की थी।