नई दिल्ली। पाकिस्तान क्रिकेट टीम की कप्तानी में फिर बदलाव हो गया है। वर्ल्ड कप 2023 के बाद से बाबर आजम से वनडे और टी20 की कप्तानी छीन ली गई थी। इसके बाद उन्होंने टेस्ट में भी जिम्मेदारी छोड़ दी थी। लेकिन, 5 महीने में ही बाबर को दोबारा व्हाइट बॉल क्रिकेट में पाकिस्तान का नया कप्तान बनाया गया है। अब पीसीबी के पूर्व चेयरमैन जका अशरफ ने बाबर को कप्तानी से हटाने के फैसले पर अपनी राय जाहिर की। 

पीसीबी के पूर्व चेयरमैन जका अशरफ ने भारत में वनडे विश्व कप में पाकिस्तान के खराब प्रदर्शन के बाद बाबर आजम को कप्तानी से हटाने के अपने फैसले को सही ठहराया। उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया,जिन्होंने दावा किया था कि उन्होंने लिमिटेड ओवर क्रिकेट कप्तान के रूप में अपने दामाद शाहीन शाह अफरीदी को नहीं बल्कि मोहम्मद रिजवान को नियुक्त करने का सुझाव दिया था।

बाबर को कप्तानी से हटाने का फैसला सही:अशरफ
शाहीन अफरीदी को वनडे विश्व कप के बाद टी20 टीम का कप्तान बनाया गया था। लेकिन, एक ही सीरीज के बाद उनकी छुट्टी हो गई और बाबर दोबारा कप्तान बन गए। जका अशरफ ने लाहौर में मीडिया से कहा,"नहीं, जहां तक मुझे याद है, शाहिद (अफरीदी) ने मुझे कभी भी सफेद गेंद के प्रारूप में रिजवान को कप्तान नियुक्त करने का कोई सुझाव नहीं दिया था।"

शाहिद अफरीदी ने लगातार अपने इंटरव्यूज में बार-बार यही कहा है कि उन्होंने शाहीन अफरीदी की कप्तानी की नियुक्ति का विरोध किया और इसके बजाय जका अशरफ को मोहम्मद रिजवान को व्हाइट बॉल क्रिकेट टीम का कप्तान नियुक्त करने की सिफारिश की। अशरफ ने ये भी साफ किया कि  उन्होंने विश्व कप के बाद बाबर को सभी प्रारूपों की कप्तानी से इस्तीफा देने की कभी वकालत नहीं की।

बाबर ने खुद कप्तानी छोड़ी
अशरफ ने बाबर आजम के कप्तानी छोड़ने पर आगे कहा, "वह उनका अपना निर्णय था। जब मैं उनसे मिला, तो मैंने उन्हें स्पष्ट रूप से बताया कि सभी को लगता है कि सभी फॉर्मेट में कप्तानी करने का बोझ उन पर और उनके प्रदर्शन पर दबाव बढ़ा रहा है और उन्हें केवल टेस्ट के कप्तान के रूप में ही बने रहना चाहिए। मैंने उनसे कहा कि बोर्ड को लगता है कि वनडे-टी20 में किसी और को आजमाने का समय आ गया है क्योंकि उन्हें (बाबर) पिछले तीन वर्षों से इन प्रारूपों में पर्याप्त समय दिया गया है।"

पूर्व पीसीबी प्रमुख के अनुसार, बाबर ने स्वेच्छा से सभी प्रारूपों में कप्तानी छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि अगर वह सभी प्रारूपों में कप्तानी नहीं कर सकते, तो वह कप्तान नहीं बनना चाहते। जाहिर तौर पर उन्हें अपने पिता और एजेंट सहित अपने करीबी लोगों से सलाह मिली होगी।