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यूपी के छोटे से गांव से ऑस्ट्रेलिया तक का सफर नहीं था आसान, मेघना सिंह ने लड़कों के साथ खेलकर खुद को निखारा

यूपी के बिजनौर की रहने वाली मेघना बेहद ही साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता एक शुगर मिल में सिक्योरिटी गार्ड हैं जबकि मां एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री हैं।

यूपी के छोटे से गांव से ऑस्ट्रेलिया तक का सफर नहीं था आसान, मेघना सिंह ने लड़कों के साथ खेलकर खुद को निखारा
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खेल। 29 अगस्त को भारतीय महिला क्रिकेट टीम (Indian Womens Cricket Team) को ऑस्ट्रेलिया (Australia) के लिए रवाना होना है। जहां भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन वनडे, एक डे-नाइट टेस्ट और तीन टी-20 मुकाबले खेलने हैं। वहीं इस दौरे के लिए भारतीय महिला टीम से कई नए चेहरे जुड़ेंगे। लेकिन उनमें से एक हैं दाएं हाथ की तेज गेंदबाज मेघना सिंह (Meghna Singh)।

यूपी के बिजनौर की रहने वाली मेघना बेहद ही साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता एक शुगर मिल में सिक्योरिटी गार्ड हैं। जबकि मां एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री हैं। एक छोटे से गांव से निकलकर ऑस्ट्रेलिया तक का उनका सफर आसान नहीं था। उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया।


महज 12 साल की उम्र में बिजनौर के नेहरू स्टेडियम में प्रेक्टिस करने के लिए रोजाना अपने गांव कोतवाली देहात से पैदल चलकर 25 किलोमीटर का सफर तय करती थीं। वहीं उन्हें लड़कों के साथ प्रैक्टिस करनी पड़ती थी। क्योंकि महिलाओं की कोई क्रिकेट टीम नहीं थी जिनके साथ वह अभ्यास कर सके। लड़कों के साथ खेलकर उन्होंने अपने हुनर को संवारा। इसके बाद उनका पहले जिला लेवल, मंडल लेवल और बाद में स्टेट लेवल पर चयन होता चला गया।


वहीं 7 साल पहले रेलवे मुरादाबाद में बुकिंग क्लर्क के रूप में मेघना का चयन हुआ। उसके बाद वह मुरादाबाद रेलवे स्टेडियम में ही प्रैक्टिस करने लगी। उनकी ये मेहनत रंग लाई 2008 में, जब उन्हें अंडर-19 टीम की कैप मिली। और उनके इसी संघर्ष और मेहनत, लगन के कारण आज वह भारतीय-ए टीम का हिस्सा हैं। साथ ही वह अब सीनियर टीम की भी सदस्य बन चुकी हैं। मेघना का भारतीय महिला क्रिकेट टीम में सिलेक्शन के बाद से ही उनके गांव में जश्न का माहौल है। उनका परिवार भी उनकी इस उपलब्धि से गदगद है।

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