विपक्ष के नेता का पद न देना अनुचित - शिवसेना मुखपत्र सामना

विपक्ष के नेता का पद न देना अनुचित - शिवसेना मुखपत्र सामना
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शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है, कानून के मुताबिक सबसे अधिक विधायक वाली दूसरी बड़ी पार्टी विधानसभा में विपक्ष के नेता पद का दावा कर सकती है।

मुम्बई. शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे द्वारा विधानसभा में विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा देने के बाद इस पद के लिए कांग्रेस एवं राकांपा के बीच मचे घमासान के बीच शिवसेना ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस को इस पद से वंचित करना अनुचित होगा। शिवसेना के भाजपा के साथ मतभेद खत्म होने और राज्य सरकार का हिस्सा बनने के बाद कांग्रेस और राकांपा की नजरें विधानसभा में विपक्ष के नेता और विधानपरिषद के सभापति पद पर टिकी हैं।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा है, कानून के मुताबिक सबसे अधिक विधायक वाली दूसरी बड़ी पार्टी विधानसभा में विपक्ष के नेता पद का दावा कर सकती है। सवाल यह नहीं है कि कांग्रेस के पांच विधायक निलंबित रिपीट निलंबित हैं या नहीं। लेकिन यदि आप निलंबन रिपीट निलंबन को अपने नेता विपक्ष के दावे के औजार के रूप में इस्तेमाल करेंगे तो यह कांग्रेस के साथ नाइंसाफी होगी। पार्टी ने कहा कि राकांपा अक्तूबर में हुए चुनाव के बाद राज्य में खिसककर चौथे स्थान पर चली गयी है अतएव उसे राजनीति में ज्यादा दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए। शिवसेना ने ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा है, इस पार्टी ने सत्ता के करीब रहने के लिए भाजपा को बाहर से सर्मथन दिया था और अब वह अपनी नजरें विपक्ष के नेता पद पर टिकाए हुए है।

दूसरों के मामलों में हस्तक्षेप करना इस पार्टी की पुरानी आदत है लेकिन उसे अब हरकत रोकनी चाहिए तथा यह अहसास करना चाहिए कि लोगों ने उसे चौथे स्थान पर धकेल दिया है। राकांपा ने तीन दिसंबर को कहा था कि वह विपक्ष के नेता पद और विधानपरिषद के सभापति के पद पर दावा करने की प्रक्रिया पर चर्चा करेगी, उस दौरान शिवसेना मुख्य विपक्षी दल थी। हालांकि राकांपा की पूर्व सहयोगी कांग्रेस ने शरद पवार की अगुवाई वाली पार्टी के दावे को धत्ता बताया और कहा कि उसके पास इस पद के लिए जरूरी संख्याबल नहीं है।

कांग्रेस नेता शिवाजीराव देशमुख फिलहाल विधानपरिषद सभापति हैं। यदि राकांपा सभापति के पद के लिए दावा करती है तो उसे प्रक्रिया के तहत उनके विरू द्ध अविश्वास प्रस्ताव लाना होगा। 288 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 42 और राकांपा के पास 41 विधायक हैं।

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