(रुचि राजपूत)

Aankh ka Fadakna : हिंदू धर्म में प्रचलित कई प्राचीन मान्यताओं को आज भी महत्व दिया जाता है। घर के बड़े बुजुर्गों से आंख के फड़कने को लेकर कई बातें सुनी होंगी। कुछ ऐसी शारीरिक घटनाएं जिन्हें शगुन और अपशगुन से जोड़कर देखा जाता है। इसके पीछे क्या वजह है वह जानना भी जरूरी है। ऐसी बहुत सी प्राचीन मान्यताएं हैं, जिन्हें कुछ लोग अंधविश्वास मानते हैं तो कुछ लोग उस पर पूरी श्रद्धा के साथ विश्वास भी करते हैं। आंख के फड़कने के पीछे क्या कहता है सामुद्रिक शास्त्र आइए जानते हैं प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित धर्मेंद्र दुबे से।

-सीधी आंख का फड़कना शुभ या अशुभ
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार अगर पुरुषों की सीधी आंख फड़कती है तो उनके लिए ये शुभ संकेत माना जाता है, मान्यता है कि ऐसा होने से उस व्यक्ति की सारी इच्छाएं भी पूरी हो सकती हैं। जब किसी की व्यक्ति की सीधी आंख फड़कती है तो ये संकेत है कि उसकी पदोन्नति हो सकती है और उसे धन लाभ हो सकता है। वहीं अगर किसी महिला की सीधी आंख फड़कती है तो यह उनके लिए एक अशुभ संकेत माना जाता है। ये संकेत है कि उस महिला के किए गए काम या किए जाने वाले काम बिगड़ सकते हैं।

-उल्टी आंख का फड़कना शुभ या अशुभ
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार अगर किसी महिला की बाईं आंख फड़कती है तो उस महिला के लिए शुभ संकेत हो सकता है। ऐसी मान्यता है कि उल्टी आंख के फड़कने महिलाओं को सोने चांदी के गहने मिलने के संकेत माने जाते हैं। वहीं अगर किसी पुरुष की उल्टी आंख फड़कती है तो उस व्यक्ति को नुकसान होने की आशंका होती है।

-वैज्ञानिक दृष्टिकोण
विज्ञान के अनुसार आंख फड़कना मांसपेशियों में परेशानी की वजह से होता है। जब किसी व्यक्ति की नींद पूरी ना हो, कुछ टेंशन हो, थकान हो या फिर अधिक समय तक लैपटॉप या कंप्यूटर पर काम किया हो तो भी आंखों के फड़कती है।