वर्ल्ड किडनी डे स्पेशल : प्रॉपर प्रिकॉशन से नहीं होगी किडनी प्रॉब्लम

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By - haribhoomi.com |11 March 2015 6:30 PM
बॉडी से वेस्ट प्रोडक्ट्स को यूरीन के जरिए बाहर निकालने का काम किडनी करती हैं।
नई दिल्ली. बॉडी से वेस्ट प्रोडक्ट्स को यूरीन के जरिए बाहर निकालने का काम किडनी करती हैं। इसलिए इनमें किसी भी तरह की प्रॉब्लम होना खतरनाक हो सकता है। लेकिन प्रॉपर प्रिकॉशन से किडनी हेल्दी बनी रह सकती हैं। जानिए, किडनी से संबंधित कुछ बेहद इंपॉर्टेंट इंफॉर्मेशंस। किडनी हमारी बॉडी के सबसे इंपॉर्टेंट ऑर्गन्स में से एक है। यही वह ऑर्गन्स है, जो बॉडी में मेटाबॉलिज्म से उत्पन्न होने वाले वेस्ट प्रोडक्ट्स को बाहर निकालने का काम करता है। इसलिए हमारी किडनी का हेल्दी बने रहना बहुत जरूरी है। लेकिन बदलती लाइफस्टाइल के कारण आज किडनी प्रॉब्लम से ग्रस्त लोगों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। हालांकि समय पर ट्रीटमेंट कराने से किडनी प्रॉब्लम से बचा जा सकता है।
एक्यूट किडनी फेल्योर: किडनी की यह एक कॉमन डिजीज है। इसमें पेशेंट की किडनी अचानक काम करना बंद कर देती है। किडनी के अचानक काम करना बंद कर देने से पेशेंट को एक-दो महीने तक बहुत ज्यादा परेशानी रहती है। इस बीमारी के होने का मुख्य कारण अनावश्यक रूप से पेनकिलर खाना, एलर्जी आदि होती है। इस बीमारी का इलाज संभव है। दवाइयों और डायलिसिस के द्वारा इस परेशानी पर काबू पाया जा सकता है। ट्रीटमेंट के बाद किडनी एक बार फिर से सामान्य रूप से काम करना शुरू कर देती हैं।
क्रॉनिक किडनी फेल्योर: क्रॉनिक किडनी फेल्योर में पेशेंट की किडनी धीरे-धीरे खराब होती है। इसमें किडनी को खराब होने में लंबा समय लगता है। इस बीमारी में किडनी दोबारा ठीक नहीं हो पाती है। इसके होने का मुख्य कारण डायबिटीज, हाई बीपी, इम्यूनिटी रिलेटेड डिजीज होते हैं। इस बीमारी के लगभग 40 प्रतिशत पेशेंट्स डायबिटिक होते हैं। इसके होने का पता तब चलता है, जब ब्लड मेेंं क्रिएटिनिन और यूरिया की मात्रा बढ़ जाती है।
नेफ्रोटिक सिंड्रोम: इस बीमारी के होने पर पेशेंट के यूरीन में प्रोटीन लीकेज होने लगता है। इस कारण पेशेंट की बॉडी में प्रोटीन की मात्रा कम हो जाती है और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है। इस वजह से पेशेंट के शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन आ जाती है। यह बीमारी बच्चों में भी पाई जाती है। इसका ट्रीटमेंट भी संभव है।
किडनी स्टोन: किडनी में स्टोन हो जाने पर वह अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाती है। ऐसा होने का कारण किडनी में यूरिक एसिड का जमा हो जाना है। जिस किसी भी व्यक्ति के किडनी में स्टोन होता है, उसके पेट में असहनीय दर्द होता है। साथ ही, कई बार पेशाब के साथ खून भी आता है। छोटे साइज का स्टोन होने पर अधिक से अधिक पानी पीने की सलाह दी जाती है। इससे स्टोन खुद ब खुद यूरीन के जरिए बॉडी से बाहर निकल आता है। बड़े साइज के स्टोन होने पर आॅपरेशन द्वारा उसे निकाला जाता है।
यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन): यूरिनरी टैÑक्ट सिस्टम में इंफेक्शन होने पर पेशेंट को रुक-रुक कर यूरीन पास होता है। यूरीन पास होते समय जलन भी महसूस होती है। ऐसा होने पर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। ऐसा न करने पर यह बीमारी गंभीर रूप धारण कर लेती है।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, प्रिकॉशन के साथ जरूरी बातें-
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