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श्रद्धेय अटल जी को याद करते ही सुशासन की बात सहज ही ध्यान में आ जाती है। राजनीति के मैदान में शुद्धता, ईमानदारी और सिद्धांतों के साथ काम करने वाले अटल बिहारी वाजपेई जाने के बावजूद लोगों के दिलों में जिंदा है।

श्रद्धेय अटल जी को याद करते ही सुशासन की बात सहज ही ध्यान में आ जाती है। राजनीति के मैदान में शुद्धता, ईमानदारी और सिद्धांतों के साथ काम करने वाले अटल बिहारी वाजपेई जाने के बावजूद लोगों के दिलों में जिंदा है। वैसे, सुशासन, अंत्योदय और वंचितों का कल्याण इन सभी सोच के धनी अटल बिहारी वाजपेई को मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जा सकता है, क्योंकि उनके दिए मंत्र के तहत ही निर्धारित सीमा रेखा के अंदर देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चल रहे हैं। 1999 में सरकार बनने के बाद वाजपेई जी ने राष्ट्रीय दूरसंचार नीति में बड़े बदलाव करते हुए दूरसंचार क्रांति का बिगुल बजाया था। देश के हर गांव तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरा किया है। 

राजनीति में शुचिता और संकल्प के साथ सामान्य वस्त्रों में संत स्वरूप स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई को याद किया जाता है। भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की आज 25 दिसंबर को जन्म जयंती पर विकसित भारत के सपने और अंत्योदय के संकल्प के साथ देश सेवक के रूप में सेवा कर रहे लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वास्तव में सुशासन को लेकर दूरगामी कदम उठा रहे हैं। देश के नागरिकों का विश्वास उनमें किस कदर है, हर बार होने वाले चुनाव और उसमें आने वाले परिणाम हर बार इस बात को साबित कर रहे हैं।

श्रद्धेय अटल जी को याद करते ही सुशासन की बात सहज ही ध्यान में आ जाती है। राजनीति के मैदान में शुद्धता, ईमानदारी और सिद्धांतों के साथ काम करने वाले अटल बिहारी वाजपेई जाने के बावजूद लोगों के दिलों में जिंदा है। वैसे, सुशासन, अंत्योदय और वंचितों का कल्याण इन सभी सोच के धनी अटल बिहारी वाजपेई को मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जा सकता है, क्योंकि उनके दिए मंत्र के तहत ही निर्धारित सीमा रेखा के अंदर देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चल रहे हैं। 1999 में सरकार बनने के बाद वाजपेई जी ने राष्ट्रीय दूरसंचार नीति में बड़े बदलाव करते हुए दूरसंचार क्रांति का बिगुल बजाया था।

देश के हर गांव तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरा किया है। मात्र वादे और दावे नहीं, बल्कि 2 लाख से ज्यादा ग्राम पंचायत में ब्रॉडबैंड और इंटरनेट की सुविधा साकार हो चुकी है। वित्तीय समावेशन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेएएम (जनधन, आधार व मोबाइल) की त्रिमूर्ति लागू की है, 50 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को इसका लाभ मिला है, जिसके माध्यम से सरकारी योजनाएं तेज गति से लाभार्थियों को निर्बाध पहुंच रही हैं। आजादी के बाद पहली बार वाजपेई जी की सरकार ने अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए अलग से जनजातीय मामलों का मंत्रालय स्थापित किया, आयोग के गठन के बाद जनजाति समुदाय के लोगों में एक उत्साह और सकारात्मक दृष्टिकोण आया है।

नॉर्थ ईस्ट को गति देने के लिए विकास का इंजन बनाने को राष्ट्रीय बांस मिशन, एकलव्य विद्यालयों की संख्या में वृद्धि और आदिवासी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाना तमाम अहम कदम सरकार उठा रही है। ‘वोकल फाॅर लोकल’ जैसे स्लोगन नागरिकों के जीवन को बदलने में बेहद कारगर साबित हुए हैं। तमाम अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद पोखरण में परमाणु परीक्षण कर अटल बिहारी वाजपेई ने सुरक्षा चक्र को और ज्यादा मजबूत करते हुए साफ कर दिया था कि भारत किसी भी दबाव में पीछे हटने वाला नहीं है। आज अटल जी के पदचिन्हों पर चलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने देश की सुरक्षा को लेकर ऐसे कदम उठाए हैं कि आतंकियों के हौसले पस्त हो गए हैं, आज भारत की तरफ नजर उठाने की हिम्मत किसी की नहीं है।

अटल बिहारी वाजपेई एक दूरदर्शी नेता और भविष्य की जरूरत की पहचान करने वाले व्यक्ति थे, वर्ष 2001 में पूर्वी रूस में तेल और गैस क्षेत्र में 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करके 20% हिस्सेदारी हासिल कर ली थी, यह उस समय भारत का सबसे बड़ा विदेशी निवेश था, विदेशी निवेश के माध्यम से ऊर्जा सुरक्षित करने के लिए अटल जी ने जो कदम उठाए, आज प्रधानमंत्री मोदी भी भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा दे रहे हैं। देश में सड़क, रेल व हवाई यातायात के लिए मूलभूत ढांचा मजबूत करने की दिशा में केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है। इस कड़ी में भारतमाला जैसे प्रोजेक्ट के साथ पीएम गति शक्ति योजना और देश को बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में मजबूत करने की पहल अटल जी की दूरदर्शी सोच का परिणाम है।

प्रधानमंत्री मोदी वाजपेई जी के दृढ़संकल्प और इरादों को लेकर आज भी उनके बनाए विजन पर अमल कर रहे हैं। वर्ष 2003 का 91 संशोधन अधिनियम, जिसमें निर्धारित किया था कि मंत्री परिषद में प्रधानमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या कुल सदस्यों की संख्या के 15 फ़ीसदी से अधिक नहीं होगी, यह भी सुशासन की नींव मजबूत करने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय वाजपेई ने किसी भी वर्ग और क्षेत्र को छोड़ा नहीं, किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड 1998 में शुरू की थी। किसानों की जरूरत और चुनौतियों को समझते हुए बैंक ऋण, खेती, बीज, उर्वरक, कीटनाशक, ईंधन तमाम बिंदुओं पर वाजपेई जी ने दूरदर्शी सोच के साथ ठोस नीति बनाई, यही कारण है कि आज केंद्र की मोदी सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसी योजनाएं शुरू कर किसानों के जीवन को बदल दिया है।

वाजपेई जी पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के महत्व को समझा और वहां बदलाव की बयार शुरू की, वे असल में श्रमिकों, किसानों और देश के सबसे पिछली पंक्ति के लोगों को आगे लाने के पक्षधर थे, यही कारण है कि मोदी सरकार ने 2020 में चार श्रम कोड की शुरुआत की, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को आगे लाने के लिए यह अहम बदलाव है। वाजपेई अपने सरकार के दौरान भी गरीबों के कल्याण पर फोकस किया था, उन्होंने भविष्य के लिए एक लाइन तैयार की, जिसके आधार पर वर्तमान सरकार ने ‘श्रमेव जयते’ का नारा दिया। वाजपेई जी द्वारा दिखाए सपने को पूरा करने के लिए मोदी भारत को एक मजबूत दिशा की ओर लेकर जा रहे हैं।

पर्यावरण और जल संकट से निपटने को विवादों को समाप्त करने के लिए नदियों को जोड़ने की वकालत वाजपेई जी ने की थी, उन्होंने पर्यावरण को सुरक्षित रखने और तेल को लेकर दूसरे देशों पर निर्भर रहने की नीति को देखते हुए तेल भंडार निर्माण, स्वदेशी जैव ईंधन को बढ़ावा देने की शुरुआत की थी। मोदी सरकार इस दिशा में कई ठोस कदम उठाकर राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 लागू कर चुकी है, जिसने भारत की ऊर्जा सुरक्षा को नई ताकत प्रदान की है। मोदी सरकार अटल जी की प्रेरणा से स्वच्छता की मुहिम और खुले में शौच की समस्या को देश से समाप्त करने में कामयाब हुई है, भारत की बदलती तस्वीर से पूरा विश्व प्रभावित है।

अटल जी ने 14 लाख स्वयं सहायता समूह के गठन की घोषणा की थी, महिलाओं पर विशेष ध्यान देने के लिए कई नीतियां लागू करने की पहल की थी। वर्तमान मोदी सरकार भी नमो ड्रोन दीदी और लखपति दीदी जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट लागू कर कर साफ कर दिया है कि वह अटल जी के दिखाए रास्तों पर ही आगे बढ़ रहे हैं। डेयरी सेक्टर को डीलाइसेंसिंग करने का श्रेय भी अटल बिहारी वाजपेई को जाता है, इससे दूध उत्पादक कंपनियों की संख्या लगातार बढ़ी है, भारत 2018 तक विश्व का शीर्ष दूध उत्पादक देश बन गया और प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता भी बढ़ी है। मोदी सरकार ने इस देश को वन नेशन वन राशन कार्ड की सुविधा प्रदान की है।

वाजपेई जी भारतीय भाषाओं के प्रबल समर्थक थे, यही कारण है कि नरेंद्र मोदी सरकार नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा दे रही है। इस प्रकार से मोदी सरकार अटल जी के सपनों को सच करने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही है। उस पुण्य आत्मा को सच्ची श्रद्धांजलि उनके बताए रास्तों पर चलना ही है। आज अटल जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय जन नेता बन गए हैं और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करने में लगे हैं।

कैप्टन अभिमन्यु (लेखक हरियाणा सरकार में वित्त मंत्री थे, ये उनके अपने विचार हैं।)

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