भिखारियों में पॉकेट मनी बांट देते थे सुभाष, भगत को फांसी से न बचा पाने का था अफसोस

नेता जी सुभाष चंद्र बोस भारत के ऐसे लोकप्रिय नेता हैं कि उनके बारे में उनके जीवनकाल से ही कई किवदंतियां चल रही हैं।

नहीं बचा सके भगत सिंह को

26 जनवरी 1931 को कोलकाता में राष्ट्रध्वज फैलाकर बोस ने एक विशाल मोर्चे का नेतृत्व किया। इस दौरान पुलिस ने उन पर लाठी चलाई जिससे वह घायल हो गए। जब बोस जेल में थे, तब गांधीजी ने अंग्रेज सरकार से समझौता किया और सब कैदियों को रिहा किया गया, लेकिन अंग्रेजों ने सरदार भगत सिंह को रिहा करने से इनकार कर दिया| यही नहीं भगत सिंह की फांसी माफ कराने के लिए गांधीजी ने सरकार से बात भी की, लेकिन वह नहीं माने।

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