NAMO AFTER 6 MONTHS: ''मेक इन इंडिया'', आर्थिक गति तेज करने की एक नई मुहिम

वर्तमान में देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण का योगदान 15 प्रतिशत है।
आलोचना और चिंता
राजग सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान से अक्टूबर 2014 तक 2,000 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव आ चुके थे। इस अभियान को काफी आलोचना भी मिली है। इसकी सबसे ज्यादा आलोचना सत्ताधारी सरकार के खिलाफ हुई है। ये महसूस किया गया कि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की सफलता के लिए जरुरी श्रम सुधारों और नीतिगत सुधारों को अमल में नहीं लाया गया है। नोकिया इंडिया जैसी कंपनियों में छंटनी जैसी घटनाओं से इस तरह के अभियान पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। प्रौद्योगिकी आधारित कंपनियां इस अभियान से खासी प्रभावित नहीं हैं और अब भी अपने कंपोनेंट्स का निर्माण चीन में करवा रही हैं।
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