श्रीराम जन्मभूमि में मंदिर बने और मस्जिद भी न गिरे...अयोध्या में आखिर क्या चाहते थे लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती ने खोले राज..

Ram Mandir movement secret : अयोध्या में राम मंदिर बने, लेकिन मस्जिद भी न गिरे...भाजपा के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी 25 सितंबर 1990 को सोमनाथ से रथयात्रा लेकर जब निकले थे, तब उनके मन में यही इच्छा थी, लेकिन अयोध्या पहुंचते-पहुंचते हालात बदल चुके थे। 6 दिसंबर को 1992 को कारसेवकों की जो भीड़ पहुंची, वह हर हाल में विवादित ढांचा गिराने को आतुर थी। यह मानना है मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और राम जन्मभूमि आंदोलन में लालकृष्ण आडवाणी की सहयोगी रहीं उमा भारती का।
6 दिसंबर की घटना पर क्या बोलीं उमा भारती
उमा भारती ने हाल ही में खुलासा किया कि अयोध्या में 6 दिसंबर की घटना ही राममंदिर निर्माण का मूल आधार बनी है। विवादित ढांचा गिरा तभी तो पुरातत्व विभाग उसकी खुदाई करा सका और भगवान राम के जन्म से जुड़े साक्ष्य मिले, जिस आधार कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाया। उमा भारती ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर खुशी जाहिर की।
मस्जिद को लेकर यह थी आडवाणी की इच्छा
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने 6 दिसंबर को हुए बाबरी विध्वंस की घटना को याद करते हुए कहती हैं कि जनभावनाएं कभी रिमोट कंट्रोल से नहीं चलतीं। मैं 22 जनवरी को प्रधानमंत्री को रामलला के यजमान के रूप में प्राण प्रतिष्ठा को अपने आंखों से देखना चाहती हूं। इससे ज्यादा सुखद पल मेरी जिंदगी में क्या हो सकता है। उमा भारती ने बताया कि लालकृष्ण आडवाणी सर्वधर्म समभाव में भरोसा रखते थे।
विवादित ढांचे को शिफ्ट करवाना चाहते थे आडवाणी
उमा भारती ने कहा कि आडवाणी अयोध्या के विवादित ढांचे को गिराने की बजाय नई टेक्नाेलॉजी की मदद से दूसरी जगह शिफ्ट कराना चाहते थे, लेकिन कारसेवकों ने प्राणों की परवाह किए बिना ढांचे को ढहा दिया। आडवाणी को संभवत: इस बात का खेद था। हालांकि, वह इसी जगह (रामलला की जन्मस्थान) पर ही मंदिर का निर्माण चाहते थे। उमा भारती ने एक इंटरव्यू में राम मंदिर आंदोलन से जुड़े तमाम किस्से साझा किए हैं।
सुरक्षा को लेकर चिंता
बाबरी विध्वंस की घटना के बाद 8 दिसंबर को लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अशोक सिंघल, विष्णुहरि डालमिया, विनय कटियार और उमा भारती को गिरफ्तार किया गया था। पहले इन्हें आगरा जेल भेजा गया फिर ललितपुर के माता टीला रेस्ट हाउस को अस्थायी जेल बनाकर रखा गया। जेल की अनुभवों को साझा करते हुए उमा भारती ने बताया कि राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रति इतना समर्पण था। परेशानियां छोटी लगती थीं।
उमा भारती से क्या बोले थे आडवाणी
उमा भारती ने बताया कि जिस अस्थायी जेल में आडवाणी को रखा गया था, वहां के अधिकारियों ने आडवाणी की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए अलर्ट रहने और इवनिंग वॉक का समय बदले का अनुरोध किया था। मैं संदेश लेकर पहुंची तो आडवाणी बोले-मैं यहां शहीद हो गया तो राष्ट्र का राम मंदिर का संकल्प शीघ्र पूरा हो जाएगा। यह बात किसी प्रचार की नहीं, बल्कि अकेले में अपनी बेटी तुल्य उमा से कही थी।
