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Sivok-Rangpo Rail project:पूर्वोत्तर को देश की राजधानी से जोड़ने के लिए भारतीय रेलवे की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का काम 92 प्रतिशत तक पूरा हो गया है। इसके पूरा होने से सीमा पर तैनात जवानों तक आसानी से रसद और हथियार की आपूर्ति की जा सकेगी।

Train on India-China border:जल्द ही  भारत-चीन सीमा पर भी ट्रेनें दौड़ेंगी। पूर्वोत्तर को देश की राजधानी से जोड़ने के लिए भारतीय रेलवे की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का काम 92 प्रतिशत तक काम पूरा हो चुका है। सिवोक- रंगपो नामक यह प्रोजेक्ट पश्चिम बंगाल और सिक्किम को जोड़ने काम करेगा। पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने इसकी पुष्टि की है। यह प्रोजेक्ट यात्रियों की सुविधा के साथ ही भारत की सैन्य रणनीतियो के लिहाज से भी अहम माना जा रहा है।

दो घंटे में सिक्किम से पहुंच जाएंगे बंगाल
सिवोक-रंगपो रेल लिंक प्रोजेक्ट करीब 45 किलोमीटर लंबी है। इसके पूरी तरह से बनकर तैयार होने के बाद देश की राजधानी दिल्ली से सिक्किम के सिवोक के लिए सीधी ट्रेनें चलाई जा सकेंगी। वहीं, पश्चिम बंगाल से सिक्किम तक का सफर करने में महज दो घंटे का समय ही लगेगा। इससे पूर्वाेत्तर में चीन की सीमा पर तैनात भारतीय जवानों तक रसद और हथियार तेजी से पहुंचाई जा सकेगी। चीन के सीमावर्ती इलाके नाथुला तक पहुंच आसान हो जाएगी। बता दें कि पूर्वोत्तर के ज्यादा सीमावर्ती इलाकों में भी अभी तक सड़क मार्ग से ही पहुंचा जा सकता है। हालांकि, यह नई रेल परियोजना इसके लिए वैकल्पिक रूट उपलब्ध करवाएगी।

17 पुलों और 14 सुरंगों का किया जा रहा निर्माण
सिवोक रंगपो रेल प्रोजेक्ट के तहत पांच स्टेशनों सिवोक, रियांग, तीस्ता, मेली और रंगपो का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इन पांच स्टेशनों में से मेली एक अंडरग्राउंड रेलवे स्टेशन है। इसके साथ ही 17 पुलों और 14 सुरंगों का भी निर्माण किया जा रहा है। सबसे लंबे सुरंग का नाम टी-10 है और इसकी लंबाई करीब 5.3 किलोमीटर है। परियोजना के संबसे लंबे पुल ब्रिज-17 की लंबाई 425 मीटर है। 44.98 किलोमीटर (सिक्किम 3.43 किमी, बंगाल : 41.6 किमी) लंबे इस रेल खंड का लगभग 38.64 किमी हिस्सा सुरंगों से होकर गुजरेगा। 92.31% टनलिंग कार्य पूरा हो चुका है।

मुख्य टनल 3082 मीटर तक फैली
पूर्वोत्तर सीमा रेलले के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे मुताबिक कलिम्पोंग जिला स्थिम सिवोक रंगपो रेल परियोजना (एसआरआरपी) की टनल संख्या टी-7 ने कुछ दिन पहले ही ब्रेक थ्रू हासिल किया। खासियत यह है कि इंडियन रेलवे नेटवर्क का पहला अंडरग्राउंड रेलवे स्टेशन 'तीस्ता बाजार स्टेशन' इसी टनल का हिस्सा है। मुख्य टनल 3082 मीटर तक फैली हुई है। इसके साथ यहां पहुंचने के लिए भी एक टनल है।

चौबीसों घंटों किया जा रहा है काम
इस अंडरग्राउंड नेटवर्क की गुफा 650 मीटर तक फैली हुई है। गुफा में 6 क्रॉस पैसेज का एक नेटवर्क बनाया गया है। मौजूदा समय में टनल टी-14, टी-09 और टी-02 में अंतिम लाइनिंग पूरी हो चुकी है और टनल टी-03, टी-05, टी-06, टी-07, टी-08, टी-10, टी-11 और टी-12 का कार्य प्रगति पर है। अब तक कुल 11.96 किलोमीटर लाइनिंग पूरी हो चुकी है। सभी सेक्शनों में चाैबीसों घंटे काम किया जा रहा है। 

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