अयोध्या में रामलला हुए विराजमान: कश्मीर जय श्रीराम के नारे से गूंजा, श्रीनगर के शंकराचार्य मंदिर में की गई विशेष पूजा

Ayodhya Pran Pratishtha celebrations in Kashmir:
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अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर कश्मीर के श्रीनगर स्थित शंकरचार्य मंदिर में विशेष पूजा की गई।
Ayodhya Pran Pratishtha celebrations in Kashmir:अयोध्या में श्रीराम का मंदिर बनने के अवसर पर जम्मू कश्मीर में भी जश्न जैसा माहौल दिखा। इस विशेष अवसर पर कश्मीर के शंकराचार्य मंदिर में विशेष पूजा और हवन का आयोजन किया गया।

Ayodhya Pran Pratishtha celebrations in Kashmir: सोमवार को अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि पर प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा हो संपन्न हो गई। रामलला के अपने सिंहासन पर विराजमान होने पर पूरे देश में जश्न का माहौल दिखा। जम्मू-कश्मीर भी श्रीराम की भक्ति में डूबा नजर आया। श्रीनगर में लोगों ने मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पूर्ण होने पर जमकर जश्न मनाए और जय श्रीराम के नारे लगाए। श्रीनगर स्थित शंकराचार्य मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु पूजा करने पहुंचे।

राम सीमाओं से परे हैं
श्रीनगर के रघुनाथ मंदिर में भी भारी संख्या में लोग दर्शन करने के लिए पहुचे। रघुनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी दर्शन कुमार शर्मा ने कहा कि हमने इस दिन के लिए 500 साल तक इंतजार किया है। आखिर श्रीराम का मंदिर उसी जगह पर बन गया, जहां परी उनका जन्म हुआ था। हमें उस दिन बेहद खुशी हुई थी जब सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद की जगह पर श्रीराम मंदिर बनाने के पक्ष में फैसला सुनाया था। राम किसी सीमा में नहीं बंधे हैं, वे सीमाओं से परे हैं।

श्रीनगर में मनाया गया समारोह का जश्न
पुजारी ने बताया कि अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा को देखते हुए सोमवार को रघुनाथ मंदिर में भी पूजा का आयोजन किया गया। धर्म ट्रस्ट द्वारा श्रीनगर के शंकराचार्य मंदिर में भी विशेष पूजा की गई। इस मौके पर श्रीराम का मंदिर बनने पर जश्न मनाया गया। इन आयोजनों में समाज के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल हुए। मलेशिया से भी एक भक्त इस पूजा में शामिल होने के लिए श्रीनगर पहुंचे थे।

पूर्व महाराज के बेटे ने दी बधाई
पुजारी दर्शन कुमार शर्मा ने कहा कि धमार्थ ट्रस्ट के कस्टोडियन कश्मीर के पूर्व महाराज हरि सिंह के बेट करण सिंह हैं। हरि सिंह ने भी हमें अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होने पर बधाई और शुभकामनाएं भेजी। इस अवसर पर हमने पूरी दुनिया में शांति और भाईचारे की कामना करते हुए मंदिर में हवन किया। यह कोई सामान्य दिन है। यह भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है।

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