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Rahul Gandhi's statement on electoral bonds: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को इलेक्टोरल बॉन्ड्स के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता ने कहा कि इलेक्टाेरल बॉन्ड योजना दुनिया का सबसे बड़ा उगाही रैकेट है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिमाग की उपज है।

Rahul Gandhi's statement on electoral bonds: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को इलेक्टोरल बॉन्ड्स के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के ठाणे में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कहा कि इलेक्टाेरल बॉन्ड योजना दुनिया का सबसे बड़ा उगाही रैकेट है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिमाग की उपज है।  कांग्रेस नेता ने दावा किया कि इलेक्टोरल बॉन्ड्स योजना के तहत मिली रकम का इस्तेमाल शिवसेना और एनसीपी जैसी पार्टियों को तोड़ने और सरकार पलटने के लिए इस्तेमाल किया गया।

मेरे अमेठी से चुनाव लड़ने पर फैसला लेंगे खड़गे
अमेठी से चुनाव लड़ने से जुड़े एक सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे यह फैसला करेंगे कि मैं अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ूंगा या नहीं। अशोक चव्हाण और मिलिंद देवरा जैसे नेताओं के पार्टी छोड़ने से जुड़े सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि इन दाेनों नेताओं के पार्टी छोड़ने के बावजूद महाराष्ट्र में पार्टी एकजुट है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि इन नेताओं के जाने से पार्टी पर कोई असर नहीं होगा। बता दें कि राहुल गांधी 2019 में अमेठी में स्मृति ईरानी से चुनाव हार गए थे। इसके बाद केरल के वायनाड से चुनाव लड़ा था और वहां से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। 

करार मिलने के बदले नहीं दिया गया डोनेशन
जब राहुल गांधी से पूछा गया कि कांग्रेस शासित प्रदेश में कुछ कंपनियों की ओर से इलेक्टोरल बॉन्ड्स के जरिए कांग्रेस को डोनेशन दिया जा रहा है। इन कंपनियों को इसके बदले राज्यों की ओर से जारी होने वाले टेंडर सौंपे जा रहे हैं। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस शासित सरकारें हाईवे और डिफेंस जैसे नेशनल लेवल के कॉन्ट्रैक्ट जारी नहीं करतीं। ना ता इन सरकारों की ओर से इनकम टैक्स और ईडी जैसी जांच एजेंसियों को नियंत्रित किया जाता है। ना ही कांग्रेस की सरकारें किसी के मोबाइल फोन में पेगासस जैसे सॉफ्टवेयर डालती हैं।

'इलेक्टोरल बॉन्ड्स कॉर्पोरेट से उगाही का जरिया'
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस को मिली फंडिंग और कंपनियों को मिले कॉन्ट्रैक्ट का कोई संबंध नहीं है। हालांकि इलेक्टोरल बॉन्ड्स कॉर्पोरेट से उगाही का जरिया है। देश का हर कॉर्पोरेट इस बात को जानता है। करार मिलने के महीनों बाद कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स के जरिए डोनेशन दिया है। जब सीबीआई और ईडी इन कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज करती है उसके बाद कॉर्पोरेट कंपनियों की ओर से बीजेपी को पैसे दिए जाते है। इस स्कीम के जरिए कॉर्पोरेट कंपनियों ने अपनी मर्जी से डोनेशन नहीं दिया है। कुछ कंपनियों ने पहले कभी भी बीजेपी को डोनेशन नहीं दिया था, लेकिन जब उनके खिलाफ सीबीआई और ईडी ने मामले दर्ज किए तो उन्होंने बीजेपी को डोनेशन दिया। 

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