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Radhika Khera Resigns: छत्तीसगढ़ कांग्रेस की प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने रविवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। राधिका ने रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्ठी लिखकर पार्टी छोड़ने की जानकारी दी।

Radhika Khera Resigns: छत्तीसगढ़ कांग्रेस की प्रवक्ता राधिका खेरा ने रविवार (5 मई) को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। राधिका ने रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्ठी लिखकर पार्टी छोड़ने की जानकारी दी है। राधिका खेरा छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी में मीडिया को-ऑर्डिनेटर के तौर पर भी सेवाएं दे रहीं थी। दो दिन पहले राधिका खेड़ा ने छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तार में अपने साथ अपमान होने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर कहा था कि कौशल्या माता के मायके में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं।

प्रभु श्री राम का नाम लेने वालों का हो रहा विरोध
अपनी चिट्ठी में राधिका खेरा ने लिखा है कि आदिकाल से यह एक स्थापित सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का हमेशा विरोध होता रहा है। हिरण्यकशिपु से लेकर रावण और कंस तक इसका उदाहरण देखने को मिलता है। मौजूदा समय में भी प्रभु श्री राम का नाम लेने वालों का कुछ लोगों द्वारा इसी तरह से विरोध किया जा रहा है। इसके साथ ही राधिका खेड़ा ने लिखा है कि हर हिंदू के लिए प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली पवित्रता के साथ बहुत मायने रखती है। अयोध्या में राम लला के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है।वहीं, कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं।

जहां 22 साल से ज्यादा समय दिया वहीं तेज विरोध 
राधिका ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज्यादा का समय दिया, जहां NSUI से लेकर AICC के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया, आज वहां मुझे ऐसे ही तेज विरोध का सामनाकरना पड़ा है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि मैं अयोध्या में राम लल के दर्शन करने से खुद को नहीं रोक पाई। मेरे द्वारा किए गए इस पुनीत कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुंच गया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मेरे साथ जो कुछ भी हुआ उसमें मुझे न्याय देने से इंकार कर दिया गया।

इस्तीफा देने के बाद राधिका खेड़ा ने क्या कहा?
इस्तीफा देने के बाद राधिका खेड़ा ने कहा कि मैं इतना जानता हूं कि पार्टी जैसा कहती रही, मैं करती रही, मैंने कभी पार्टी लाइन क्रॉस नहीं किया। मैं पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम किया। अभी भी मैं एक महीने से छत्तीसगढ़ में थी। लेकिन जब हम दिन रात हम पार्टी के लिए काम करते हैं, न्याय की लड़ाई लड़ते हैं और जब हमारे साथ ऐसी घटना होती है, जैसे मेरे साथ हुआ। मैं चीखती चिल्लाती भागी, जो हमारा मंदिर है, वहां से भागी। फिर भी न्याय नहीं मिला। सब ने मुझे चुप रहने को कह दिया। सिर्फ इसलिए कि मैं प्रभु श्रीराम का दर्शन करके आई हैं। सिर्फ इसलिए क्योंकि मैं एक हिंदू हूं, सनातन धर्म को मानने वाली हूं। राम लला की पूजा उपासाना करने वाली हूं, इसलिए मुझे न्याय नहीं दिया गया। आपकी पार्टी रामलला से है या किसी पॉलिटिकल पार्टी से यह आपको तय करना होगा। 

मैं बहुत पीड़ा से गुजर रही हूं, भारी मन से दिया इस्तीफा
राधिका खेड़ा ने कहा कि हम जानते ही हैं कि कांग्रेस में क्या हो रहा है। प्रभु श्रीराम सबके आराध्य हैं। प्रभु श्रीराम का मंदिर बनने से पूरे देश और पूरे विश्व में खुशी की लहर है।  लेकिन, रामजी की जो भी उपासना करते हैं उनके साथ पार्टी में इस प्रकार की अभद्रता करना निंदनीय है। मैंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को अपने साथ हुई अभ्रदता की जानकारी दी। लेकिन, मुझे कहा गया कि भूल जाओ, मैंने छह दिन तक इंतजार किया। मुझे साफ बोल दिया गया कि मुझे न्याय नहीं मिलेगा, इसलिए मैं अब प्रभु श्रीराम के शरण में पहुंच गई हूं। मैं बहुत पीड़ा से गुजर रही हूं, भारी मन से इस्तीफा दिया है। हमारी पार्टी महिला न्याय, किसान न्याय, श्रमिक न्याय की बात करती है लेकिन जब हमारी पार्टी में ही अन्याय हो तो चुप्पी साध ली जाती है। मैं सोमवार को प्रेस कॉन्फेंंस करूंगी और इसमें बहुत सारे खुलासे करूंगी।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस कार्यालय में मेरे साथ अभद्रता हुई
यह कटु सत्य है कि जब जब धर्म का साथ देने वालों का विरोध हुआ था। श्री अयोध्या धाम प्रभुश्री राम की जन्मभूमि जाने से खुद को रोक नहीं पाई, लेकिन वहां जाने का विरोध इस तरह से मुझे सहना पड़ेगा यह मैंने कभी जीवन में नहीं सोचा था। मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में अभद्रता हुई। मेरे साथ धक्का मुक्की हुई। मुझे कमरे में बंद कर दिया गया। लेकिन, मेरे साथ न्याय नहीं हुआ। मैं छोटे से लेकर शीर्ष स्तर तक इस बात की शिकायत की लेकिन मेरे साथ न्याय नहीं हुआ। जिस दिन से मैंने 25 अप्रैल को राम लला का दर्शन करके आई हूं पार्टी की ओर से निरंतर विरोध का सामना करना पड़ा रहा है। मैंने बहुत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है। मैं न्याय की लड़ाई लड़ रही हूं, और लड़ती रहूंगी।

स्वयं के साथ न्याय के लिए खुद को हारा हुआ पाया
राधिका ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखी चिट्ठी में राधिका खेड़ा ने लिखा है कि मैंने हमेशा ही हर मंच से दूसरों के न्याय के लिए लड़ाई लड़ी। लेकिन, आज जब स्वयं के न्याय की बात आई तो पार्टी में मैंने स्वयं को हारा हुआ पाया है। प्रभु श्री राम की भक्त और एक महिला होने के नाते मैं इससे बेहद आहत हूं। मैंने बार बार पार्टी के सभी शीर्ष नेताओं को इसके बारे में अवगत कराया। इसके बाद भी जब मुझे न्याय नहीं मिला तो आहत होकर मैंने आज यह कदम(इस्तीफा देने का कदम) उठाया है।

क्या है राधिका खेड़ा के इस्तीफे की पीछे की वजह?
राधिका खेड़ा के विवाद की शुरुआत बीते महीने की आखिरी तारीख यानि की 30 अप्रैल को हुई। राधिका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट किया। इस पोस्ट में इशारे इशारे में प्रदेश कांग्रेस कमेटी पर निशाना साधा। अपने पोस्ट में राधिका ने कहा था कि कौशल्याय माता के मायके यानी कि छत्तीसगढ़ में बेटी सुरक्षित नहीं है। राधिका ने लिखा था कि पुरुषवादी मानसिकता से ग्रसित कुछ लोग मौजूदा समय में बेटियों को पैरों तले कुचलना चाह रहे हैं। इसके साथ ही खुलासा करने की भी बात लिखी। राधिका ने यह पोस्ट 30 अप्रैल मंगलवार की रात किया था।

सामने आया था राधिका खेड़ा का कथित वीडियो?
बुधवार को सोशल मीडिया में एक ऐसा वीडियो सामने आया, जिसे कथित तौर पर राधिकार खेड़ा का बताया गया। इसमें एक महिला राेते हुए नजर आई। फोन पर बात कर रही यह महिला कह रही थी कि जो कुछ भी आज मेरा साथ हुआ वह बीते 40 साल में कभी नहीं हुई। मेरी इन्सल्ट हुई, मेरे ऊपर चिल्लाया गया और इसे पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाया गया। महिला वीडियो में यह भी कह रही थी कि मुझे गेट आउट बोला गया। हालांकि, उस समय राधिका खेड़ा ने विवाद को लेकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया था। 

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