PM Modi feeds Punganur Cows: मकर संक्रांति के मौके पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को नई दिल्ली में अपने आवास पर पुंगनूर गायों को खिलाते हुए देखा गया। इसके बाद से गायों की इस खास नस्ल की चर्चा हो रही है। पुंगनूर गाय (Punganur Cows) मुख्य रूप से  आंध्र प्रदेश के पुंगनूर में पाई जाती हैं। पुंगनूर गाय अपने छोटे आकार के लिए जानी जाती है। यही वजह है कि इसे अपार्टमेंट में भी पाला जा सकता है। पशु विज्ञान के विशेषज्ञों के मुताबिकत इस गाय का दूध बेहद पौष्टिक होता है। इसी वजह से पुंगनूर नस्ल के गायों को "सोने की खान" भी कहा जाता है। यह दुनिया में गायों की सबसे छोटी नस्ल मानी जाती है। 

पुंगनुर गाय मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश में पाई जाती हैं।

पोषक तत्वों से भरपूर होता है पुंगनूर गायों का दूध PM Modi feeds cows
पुंगनूर गायों के दूध में Au नामक तत्व पाया जाता है। सोने का केमिकल सिम्बॉल भी Au होता है।  दूध ओमेगा फैटी एसिड, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर है, जो इसके उच्च पोषण मूल्य में योगदान देता है। पुंगनूर गायों की दूध में  8% तक फैट कंटेंट होता है। वहीं, दूसरी सामान्य नस्ल की देशी गायों में फैट कंटेंट महज तीन से 4 प्रतिशत तक ही होता है। एक दिन में पुंगनूर नस्ल की गायें 1 से 3 लीटर तक दूध देती हैं। इन गायों का दूध इनके अच्छे खानपान और बेहतर रखरखाव पर भी निर्भर करता है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दिल्ली आवास पर कई पुंगनुर गायें पाल रखी हैं।

कई मंदिरों में चढ़ाया जाता है पुंगनूर गाय का दूध (Makar sankranti cows feeding)
आंध्र प्रदेश के कई मंदिरों में पु्ंगनूर गाय का दूध ही भगवान को चढ़ाया जाता है। विश्व प्रसिद्ध तिरूपति थिरुमाला मंदिर में भी भगवान के क्षीराभिषेकम के लिए इसी नस्ल की गायों के दूध का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के अन्य मंदिरों में भी भगवान के चढ़ावे के लिए पुंगनूर गायों के दूध  इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दूध के चढ़ावे से भगवान प्रसन्न होते हैं। खास तौर पर मकर संक्राति पर इन गायों की विशेष पूजा होती है। 

पुंगनुर गायों को दुनिया की सबसे छोटी नस्ल की गाय माना जाता है।

1 से 10 लाख रुपए तक होती है कीमत (Punganur cow breed)
पुंगनुर गायों आम तौर पर शांत स्वभाव की होती हैं। इनकी आंखों में चमक होती हैं और अपनी अलग चाल के लिए भी गायों की यह नस्ल काफी पसंद की जाती है। इन गायों का स्वभाव शांत होता है ऐसे में अगर बच्चे भी इनके पास चले जाएं, तो यह नुकसान नहीं पहुंचातीं। आम तौर पर मंदिरों, गौशालाओं में पुंगनूर नस्ल के गायों को पाला जाता है। हाल के कुछ वर्षों में इस गाय को लेकर लोगों में जागरुकता आई है। इसकी ब्रीडिंग बढ़ाने की भी कोशिशें तेज हुई हैं। इन गायों की कीमत 1 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक हो सकती है।