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Pune Porsche Crash Update: रियल इस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल ने कहा कि हादसे के वक्त उनका घरेलू ड्राइवर पोर्श कार चला रहा था। उसे कार को चलाने के लिए ही रखा गया था। पुलिस ने ड्राइवर से पूछताछ की है।

Pune Porsche Crash Update: पुणे पोर्श कांड देश में इस समय सुर्खियों में है। इस बीच दो आईटी प्रोफेशनल्स को अपनी लग्जरी कार से कुचलने वाले नाबालिग के पिता ने अपने बेटे को बचाने के लिए बड़ा दांव खेल दिया है। आरोपी और उसके पिता ने पूरा इल्जाम अपने ड्राइवर पर मढ़ दिया है। ड्राइवर ने भी कबूल कर लिया है कि वह हादसे के समय गाड़ी चला रहा था। मतलब, इस हाई प्रोफाइल केस में बलि का बकरा ड्राइवर बन गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, रियल इस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल ने कहा कि हादसे के वक्त उनका घरेलू ड्राइवर पोर्श कार चला रहा था। उसे कार को चलाने के लिए ही रखा गया था। पुलिस ने ड्राइवर से पूछताछ की है। उसने अपने बयान में कहा कि वह हादसे के वक्त कार चला रहा था। 

हादसे पर सियासत शुरू
इस हादसे पर सियासत भी शुरू हो गई है। महाराष्ट्र में विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले, शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत और वीबीए के प्रकाश अंबेडकर ने आरोप लगाया कि आरोपी नाबालिग को पुलिस स्टेशन में पिज्जा-बर्गर की पेशकश की गई थी। प्रकाश अंबेडकर ने 6 सवाल भी पूछे हैं। सुप्रिया सुले ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को यह खुलासा करना चाहिए कि किसने पुणे पोर्श कार हादसे में पुलिस पर दबाव बनाने का प्रयास किया। सच्चाई सामने आनी चाहिए।

पुणे कमिश्नर ने आरोपों का किया खंडन
फिलहाल, पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने विपक्षी नेताओं के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि हिरासत में रहने के दौरान नाबालिग को पिज्जा नहीं परोसा गया था। उन्होंने जांच कराए जाने की भी बात कही है। 

सहायक पुलिस आयुक्त अश्विनी को इस मामले की जांच सौंपी दी गई है। वे यरवदा के पुलिस स्टेशन में अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ करेंगे, जहां पहली बार शिकायत दर्ज की गई थी। इस बात की भी जांच होगी कि क्यों हादसे को गंभीरता से नहीं लिया गया और मेडिकल जांच में देरी क्यों की गई? आरोपी शराब के नशे में था। यदि तुरंत जांच होती तो उसके ब्लड में अल्कोहल की पुष्टि हो जाती। 

रविवार तड़के हुआ था हादसा
यह हादसा कल्याणी नगर जंक्शन के पास रविवार, 19 मई की तड़के 3 बजकर 15 मिनट पर हुआ था। हादसे में IT प्रोफेशनल अश्विनी कोष्टा और अनीस अवधिया की मौत हो गई थी। दोनों मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। हादसे से पहले का एक सीसीटीवी सामने आया, जिसमें आरोपी नाबालिग एक पब में दोस्तों संग शराब पार्टी करता नजर आया था। उसे जुवेनाइल बोर्ड ने हादसे के 15 घंटे के भीतर निबंध लिखने समेत कई अन्य शर्तों के साथ जमानत दे दी थी। इससे लोगों में आक्रोश फैल गया था। बुधवार रात उस आदेश को संशोधित किया गया और आरोपी को 5 जून तक रिमांड होम भेज दिया गया। 

वर्तमान में लड़के पर नशे में गाड़ी चलाने का आरोप है। जिसमें पहली बार अपराध करने पर छह महीने की जेल और 10,000 रुपये जुर्माने की सजा का प्रावधान है। यदि किशोर बोर्ड उस पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने की अनुमति देता है तो उस पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया जाएगा।

पिता का मोबाइल फोन मिला
पुलिस को लड़के के पिता का मोबाइल फोन भी मिला है। बिल्डर पिता को घटना के अगले दिन संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) से गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। जिस बार में लड़के को शराब परोसी गई थी उसे सील कर दिया गया है और उसके मालिक और कर्मचारी पुलिस हिरासत में हैं। कम उम्र के व्यक्ति को शराब बेचने के मामले में उनकी जांच की जा रही है।
 

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