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Maldives India Relation: मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के मुताबिक, भारत के बायकॉट मालदीव कैंपेन से देश के टूरिज्म पर बुरा असर देखने को मिला है। उन्होंने इस पर माफी मांगी।

Maldives India Relation: मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद (Mohamed Nasheed) इन दिनों भारत दौरे पर हैं। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि भारत के बायकॉट कैंपेन का बड़ा असर पड़ा है। मालदीव की जनता की ओर से मैं माफी मांगता हूं। हमारी मौजूदा सरकार ने अपमानजनक कमेंट करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें हटा दिया था। हम चाहते हैं कि भारतीय मालदीव में टूरिज्म जारी रखें और वहां छुट्टियां बिताएं। हम सत्कार के लिए हमेशा तैयार हैं। इस दौरान उन्होंने भारत-मालदीव के रिश्तों में चीन की दखलंदाजी पर खुलकर अपनी बात रखी। कोविड संकट के दौरान भारत ने एक कॉल पर हमें सहायता उपलब्ध कराई थी। 

नशीद ने किया चीनी प्लान को एक्सपोज
पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मालदीव में चीनी निवेश और कर्ज के जाल के सवाल पर न्यूज एजेंसी ANI से कहा- "अलग-अलग चीनी संस्थाओं ने मालदीव को कर्ज दिया है। यह रकम कुछ प्रोजेक्ट की लागत पर खर्च की गई, जो कि बहुत अधिक थी। ज्यादा लागत के कारण बिजनेस प्लानिंग फेल हो गई तो आप उस बुनियादी ढांचे से लोन का भुगतान नहीं कर सकते हो।'' 

''ऐसे में जब सरकार कर्ज नहीं लौटाएगी तो वे (चीनी संस्थाएं) हमसे इक्विटी यानी हिस्सेदारी मांगते हैं और इक्विटी देने के साथ ही हम अपनी संप्रभुता खो देते हैं। यह काफी अहम बात है, जिसका पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हमें हमेशा सबसे बढ़िया कीमत लेनी होगी, क्योंकि हम अपनी संपत्ति कम कीमतों पर नहीं बेच सकते हैं और अधिक कीमतों पर काम नहीं कर सकते हैं।"

नशीद ने भारत को बताया महाशक्ति
मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू (Dr Mohamed Muizzu) की धमकी भरे बयान पर पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद कहते हैं- "जब मालदीव के राष्ट्रपति चाहते थे कि भारतीय सैनिक देश छोड़कर चले जाएं। तब भारत ने क्या किया? उन्होंने अपनी बांहें नहीं चढ़ाईं बल्कि मालदीव सरकार से इस मुद्दे पर वार्ता की पहल की। यही एक जिम्मेदार महाशक्ति का परिचय है। यह भारत का कोई 'धमकाने वाला' रवैया नहीं है।''

भारत हमेशा एक कॉल पर साथ खड़ा है
उन्होंने कहा कि जब 1988 में मालदीव में तख्तापलट की कोशिश हुई। उस दौरान भारत सामने आया और हमारी सरकार को स्थिर किया। कोविड-19 महामारी का संकट आया तब भी भारत हमारे साथ खड़ा था, हमें वैक्सीन उपलब्ध कराई। जब भी मदद की जरूरत पड़ी है तो भारत एक कॉल पर खड़ा मिला। मैं नहीं मानता कि कोई भी मालदीववासी इन बातों को गलत समझेगा। मैं उनसे कहूंगा कि कृपया डोर्नियर फ्लाइट और हेलीकॉप्टरों सर्विस पर बात करें क्योंकि उन्हें हेल्थ इमरजेंसी के लिए मालदीव लाया गया था।" 

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