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Himachal Pradesh Minister Vikramaditya Singh Resigns: 1989 में जन्मे विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण सीट से विधायक हैं। वह पूर्व सीएम दिवंगत वीरभद्र सिंह के बेटे हैं। उनकी मां प्रतिभा सिंह मंडी से सांसद हैं। वह राज्य कांग्रेस प्रमुख भी हैं।

Himachal Pradesh Minister Vikramaditya Singh Resigns: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार संकट में है। नई मुसीबत के रूप में राज्य के कैबिनेट मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह सामने आए हैं। उन्होंने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। विक्रमादित्य सिंह ने राज्यसभा चुनाव के ठीक एक दिन बाद अपने फैसले की घोषणा की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विक्रमादित्य भावुक हो उठे। उन्होंने अपने पिता वीरभद्र की तुलना आखिरी मुगल शासक बहादुर शाह जफर से की। जफर को अपने देश में दफन करने के लिए दो गज जमीन नहीं मिली थी। उसे म्यांमार में दफनाना पड़ा था। 

पिता की प्रतिमा लगवाने के लिए नहीं दी जमीन
विक्रमादित्य ने कहा कि विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के नाम का इस्तेमाल किया गया था। यह सरकार सभी के योगदान से बनी है। इसने एक साल पूरा कर लिया है। मैंने सरकार के कामकाज के बारे में कभी कुछ नहीं कहा, लेकिन आज इसे स्पष्ट करना मेरी जिम्मेदारी है। हिमाचल में कांग्रेस की सरकार ने वीरभद्र सिंह की मूर्ति लगाने के लिए शिमला के मॉल रोड पर 2 गज की जमीन नहीं दी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। 

जल्द आगे की रणनीति का करूंगा खुलासा
विक्रमादित्य ने कहा कि कैबिनेट पद मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं। मेरे लिए, सबसे महत्वपूर्ण बात हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ रिश्ता है। लेकिन पिछले एक साल में सरकार में जिस तरह की व्यवस्था रही, जिस तरह से विधायकों की अनदेखी की गई और उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की गई। राज्यसभा चुनाव के नतीजे उसी का परिणाम है। उन्होंने आगे कहा कि वह अपने समर्थकों के साथ विचार-विमर्श के बाद आगे की रणनीति तय करेंगे। 

दो बार के विधायक हैं विक्रमादित्य
1989 में जन्मे विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण सीट से विधायक हैं। वह पूर्व सीएम दिवंगत वीरभद्र सिंह के बेटे हैं। उनकी मां प्रतिभा सिंह मंडी से सांसद हैं। वह राज्य कांग्रेस प्रमुख भी हैं। विक्रमादित्य सिंह दो बार के विधायक हैं। उन्होंने 2017 में अपना पहला चुनाव जीता। उन्होंने 2023 में भी प्रदर्शन दोहराया।

बजट सत्र के वक्त मुसीबत में सुक्खू सरकार
मंगलवार को हिमाचल प्रदेश में बड़ा ड्रामा देखने को मिला। बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी को हराकर उलटफेर कर दिया। कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। बीजेपी ने कहा है कि सरकार ने जनादेश और विश्वास खो दिया है। राज्यसभा चुनाव में भाजपा नेता हर्ष महाजन ने जीत दर्ज की है। 

सुक्खू सरकार ऐसे समय मुसीबत में है, जब विधानसभा का वार्षिक बजट सत्र चल रहा है। विधानसभा में राज्य वित्त विधेयक पर मतदान होने वाला है। भाजपा विधानसभा में बजट पेश होने के बाद इसे पारित कराने पर मतविभाजन के लिए दबाव बना रही है। यदि कांग्रेस बजट को ध्यान में नहीं रख पाई तो राज्य में सरकार गिर जाएगी।

68 सदस्यीय राज्य विधानसभा में कांग्रेस के 40 विधायक हैं जबकि भाजपा के 25 विधायक हैं। बाकी तीन सीटों पर निर्दलीयों का कब्जा है।

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