Farmers Protest Rail Roko Today: अपनी मांगों लेकर 6 मार्च को दोबारा दिल्ली कूच का ऐलान करने वाले किसान संगठन रविवार (10 मार्च) को चार घंटे के लिए देशव्यापी 'रेल रोको' आंदोलन करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने अपनी मांगें पूरी किए जाने को लेकर आंदोलन का आह्वान किया है। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि किसान रेलवे स्टेशन और फाटक पर ही ट्रेनें रोकें, बीच में ट्रैक पर बैठने से नुकसान हो सकता है। मोदी सरकार आंदोलन को सिर्फ पंजाब का मान रही है, अब पता चलेगा कि आंदोलन किसका है। 

दोपहर 12 से 4 बजे के बीच रोकेंगे रेल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज 'रेल रोको आंदोलन' के तहत हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच ट्रेनों की आवाजाही रोकी जाएगी। अकेले पंजाब में 52 जगहों पर रेलगाड़ियां को रोका जाएगा। किसान संगठन इससे पहले भी रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर प्रदर्शन कर चुके हैं।

दिल्ली-अमृतसर रूट पर पड़ सकता है असर
रेल रोको आंदोलन के असर से उत्तर भारत में ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो सकता है। दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के बीच चलने वाली इंटर सिटी ट्रेनों पर ज्यादा असर दिखाई देगा। बता दें कि किसानों के प्रदर्शन के कारण पिछले महीने भी दिल्ली-अमृतसर रूट पर कई ट्रेनें देरी से चल रही थीं।

महिला किसान भी होंगी आंदोलन में शामिल
उधर, किसान संगठनों ने दावा किया है कि रेल रोको आंदोलन में महिला किसान भी हिस्सा लेंगी। हालांकि, हरियाणा पुलिस ने लोगों से रेल रोको आंदोलन में शामिल नहीं होने की अपील की है। अंबाला समेत अन्य शहरों में प्रशासन ने धारा 144 लागू की है। आंदोनकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी है। 

6 मार्च से किसानों का दिल्ली कूच फिर शुरू
किसान संगठनों ने दिल्ली कूच को कुछ दिन टालने के बाद 6 मार्च से दोबारा 'दिल्ली चलो' का ऐलान किया है। पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान प्रदर्शन को लेकर एकजुट हैं। हालांकि, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत अन्य मांगों पर केंद्र सरकार के साथ किसान संगठनों की करीब 4 बैठकें हो चुकी हैं। लेकिन इस दौरान कोई सहमति नहीं बन पाई। 

दिल्ली में 14 मार्च को किसान महापंचायत
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने 14 मार्च को राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत बुलाई है। इसे किसान-मजदूर महापंचायत नाम दिया गया है। इसमें देशभर के कई किसान संगठन शामिल होंगे।