ज्योतिरादित्य सिंधिया के फैसले से एलन मस्क खुश: Starlink के CEO ने केंद्रीय मंत्री को कहा धन्यवाद,जमकर की तारीफ,जानें वजह

Elon Musk on Jyotiraditya Scindia Decision
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स्टारलिंक के CEO एलन मस्क ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के फैसले पर खुशी जाहिर की है।(फाइल फोटो)
Elon Musk on Jyotiraditya Scindia Decision: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के एक अहम फैसले ने एलन मस्क को खुश कर दिया है। मस्क ने इस फैसले की तारीफ करते हुए सिंधिया को धन्यवाद कहा है। जानें क्या है वजह।

Elon Musk on Jyotiraditya Scindia Decision: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के एक अहम फैसले ने एलन मस्क को खुश कर दिया है। मस्क ने इस फैसले की तारीफ करते हुए सिंधिया को धन्यवाद कहा है। यह पूरा मामला सैटेलाइट स्पेक्ट्रम (Satellite Spectrum) से जुड़ा है। भारत की कई टेलीकॉम कंपनियां इस स्पेक्ट्रम की नीलामी चाहती थीं, लेकिन सिंधिया ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इस फैसले से मस्क की कंपनी Starlink को फायदा हुआ है।

सिंधिया के फैसले को मस्क का समर्थन
भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों जैसे रिलायंस जियो और एयरटेल ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग की थी। मुकेश अंबानी और सुनील भारती मित्तल जैसे बड़े कारोबारी इस नीलामी से फायदा उठाने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया। एलन मस्क ने सिंधिया के इस फैसले का खुलकर समर्थन किया है। ,yu कहा कि वह Starlink के जरिए भारत में सेवाएं देने के लिए उत्साहित हैं। (Satellite services) से जुड़ी इस नई नीति ने मस्क की योजना को मजबूती दी है।

क्या चाहते हैं एलन मस्क?
एलन मस्क की कंपनी Starlink, रिलायंस जियो और एयरटेल के साथ सैटेलाइट स्पेक्ट्रम पर विवाद में है। जियो और एयरटेल का मानना है कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी होनी चाहिए ताकि सभी कंपनियों को बराबरी का मौका मिले। दूसरी ओर, मस्क चाहते हैं कि यह स्पेक्ट्रम बिना नीलामी के आवंटित किया जाए। मस्क का कहना है कि वह (Starlink) के माध्यम से भारत में उच्च गति की इंटरनेट सेवाएं(High Speed Internet Service) देना चाहते हैं, और नीलामी की प्रक्रिया उनके लिए बाधा बन सकती है।

नीलामी से इनकार ने बदला खेल
ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस फैसले ने टेलीकॉम सेक्टर में नई बहस छेड़ दी है। कुछ उद्योगपति नीलामी के पक्षधर हैं, वहीं मस्क बिना नीलामी के स्पेक्ट्रम आवंटन की मांग कर रहे हैं। मस्क का मानना है कि इससे उनकी कंपनी को तेजी से सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सेवाएं शुरू करने का मौका मिलेगा। सिंधिया के इस फैसले ने Starlink की योजनाओं को करीब करीब हरी झंडी दे दी है, जिससे टेलीकॉम सेक्टर में नई संभावनाएं बनने के आसार हैं।

क्या होगा आगे?
अब सवाल यह है कि भारतीय टेलीकॉम सेक्टर इस फैसले को कैसे देखता है। मुकेश अंबानी और सुनील भारती मित्तल जैसे बड़े उद्योगपति नीलामी की मांग कर रहे हैं, जबकि सिंधिया के फैसले से मस्क की कंपनी को बड़ा मौका मिला है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारत में (satellite services) जल्द शुरू हो पाएंगी और इस फैसले से बाजार पर क्या असर पड़ता है।

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