Congress Manifesto पर तकरार: PM Modi ने कहा-कांग्रेस घोषणा पत्र में मुस्लिम लीग की छाप, पार्टी ने चुनाव आयोग से की शिकायत

Congress Election Complaint
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कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र पर पीए मोदी की टिप्पणी के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की है।
congress Congress Election Complaint: कांग्रेस ने अपने मैनिफेस्टो को प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी द्वारा 'मुस्लिम लीग की एक छाप'  बताए जाने के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की है। जानिए क्या है पूरा मामला

congress Congress Election Complaint: कांग्रेस ने अपने मैनिफेस्टो को प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी द्वारा 'मुस्लिम लीग की एक छाप' बताए जाने के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की है। कांग्रेस ने बीते शुक्रवार को अपना घोषणा पत्र जारी किया था। इसके कुछ ही देर बाद पीएम मोदी ने अजमेर और शहारनपुर की रैली में इसे लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र पर पूरी तरह से मुस्लिम लीग की छाप है। वहीं जो हिस्सा बचा है उस पर वामपंथ हावी है। आज कांग्रेस के पास ना तो सिद्धांत बचे और ना ही नीतियां।

जयराम रमेश ने EC से शिकायत की जानकारी
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अपने सोशल मीडिया X अकाउंट से पोस्ट किया कि मेरे साथी सलमान खुर्शीद, मुकुल वासनिक, पवन खेड़ा और गुरदीप सिंह सपपाल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की। हमारी ओर से आयोग के समक्ष 6 शिकायतें दर्ज कराई गईं हैं। इनमें से दो शिकायतें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ही हैं। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी पीएम मोदी के इस बयान के लिए निशाना साधा।

'हम इस शासन को बेनकाब करने के सभी रास्ते अपनाएंगे'
जयराम रमेश ने लिखा आयोग के लिए यह मौका है कि वह सभी पार्टियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करके अपनी स्वतंत्रता प्रदर्शित करे। हमें उम्मीद है कि आयोग अपने संवैधानिक जनादेश को बरकरार रखेगा। हम अपनी ओर से इस शासन को बेनकाब करने के लिए सभी राजनीतिक और कानूनी रास्ते अपनाना जारी रखेंगे।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया पलटवार
पीएम मोदी की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी पलटवार किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी और अमित शाह के राजनीतिक और वैचारिक पूर्वजों ने आजादी के आंदोलन में भारतीयों के खिलाफ, अंग्रेजों और मुस्लिम लीग का साथ दिया था। आज वह देश के आम लोगों की मदद से तैयार हुए कांग्रेस के न्याय पत्र पर मुस्लिम लीग की छाप होने की बात कह रहे हैं।

आपके पूर्वजों ने मिलाया मुस्लिम लीग के साथ हाथ
खड़गे ने सोशल मीडिया X पर लिखा कि मोदी-शाह के पूर्वजों ने 1942 में हुए भारत छोड़ो आंदोलन का आंदोलन किया। महात्मा गांधी को आह्वान और मौलाना अबुल कलाम आजाद की अगुवाई में हाेने वाले इस आंदोलन का विरोध किया। सब जानते हैं कि आपके पूर्वजों ने 1940 में सिंध, बंगाल और NWFP में मुस्लिम लीग के साथ मिलकर सरकार बनाई।

उल्टे सीधे भ्रम फैला रहे मोदी, शाह
खड़गे ने अपने पोस्ट में सवाल किया कि क्या श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1942 में अंग्रेजी शासन के गवर्नर को इस बारे में चिट्ठी नहीं लिखी थी कि भारत छोड़ो आंदोलन को कैसे दबाया जा सकता है। वह तो इसके लिए अंग्रेजों का साथ देने के लिए भी तैयार थे। आज मोदी, अमित शाह और उनके नॉमिनेटेड पार्टी अध्यक्ष कांग्रेस के मैनिफेस्टों के बारे मे उल्टे-सीधे भ्रम फैला रहे हैं।

पीएम मोदी के भाषणों से आ रही RSS की बू
खड़गे ने कहा कि पीएम मोदी के भाषणों से RSS की बू आती है। दिन ब दिन भाजपा की चुनावी हालत खस्ता होती जा रही है। यही वजह है कि RSS को अपने पुराने दोस्त मुस्लिम लीग की याद आने लगी है। सच तो केवल एक ही है कि कांग्रेस के न्याय पत्र में देश की 140 करोड़ जनता की आशाएं और आकाक्षाएं की छाप है। इन सभी की एकजुट ताकत, पीएम मोदी के 10 साल के अन्याय काल का अंत कर देगी।

प्रधानमंत्री के बयान से हमें दुख हुआ: सलमान खुर्शीद
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, 'प्रधानमंत्री अपने भाषणों में जो कहते हैं उससे हमें बहुत दुख होता है। उन्होंने हमारे घोषणापत्र के बारे में कहा कि यह झूठ का पुलिंदा है। हम इससे बहुत दुखी हैं।आप कहीं से भी डिग्री कर सकते हैं। दूसरी पार्टी से इस मुद्दे पर बहस कर सकते हैं, आप इसका विश्लेषण कर सकते हैं, लेकिन यह राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल रही एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी के घोषणात्र को झूठ का पुलिंदा बताना सही नहीं है। जबकि एक बहुत अच्छा घोषणा पत्र जारी किया गया है।

'प्रधानमंत्री को हमारे घोषणा पत्र पर ऐसा कहने का हक नहीं'
सलमान खुर्शीद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे मैनिफेस्टो को लेकर कहा कि यह उन पार्टियों का घोषणापत्र लगता है जो हमारे धर्मनिरपेक्ष समाज की आजादी का विरोध कर रहे हैं। हम इस मामले से बेहद दुखी हैं। हमें लगता है कि कि प्रधानमंत्री को ऐसी बात कहने का कोई अधिकार नहीं है। हमने इस मामले को चुनाव आयोग के समक्ष रखा है। आयोग से इसे गंभीरता से लेने और इस पर कार्रवाई करने का विशेष अनुरोध किया है।

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