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Karnataka Police summons BJP President: कर्नाटक पुलिस ने बीजेपी कर्नाटक के सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किए गए एक एनिमेटेड वीडियो के मामले में BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय को तलब किया है। सात दिनों के अंदर जवाब मांगा है।

Karnataka Police summons BJP President: कर्नाटक पुलिस ने कथित तौर पर बीजेपी कर्नाटक के सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किए गए एक विवादास्पद वीडियो के मामले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय को तलब किया है। रमेश बाबू नाम के एक व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद यह समन जारी किया गया है। रमेश बाबू ने अपनी शिकायत में बीजेपी पर एससी/एसटी समुदाय को निशाना बनाकर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने का आरोप लगाया था।

बीजेपी कर्नाटक के सोशल मीडिया हैंडल पर साझा किया था वीडियो
शिकायतकर्ता, रमेश बाबू ने 5 मई, 2024 को बेंगलुरु के हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में कहा गया था बीजेपी कर्नाटक के ऑफिशयल X हैंडल पर साझा किए गए एक वीडियो का उद्देश्य एससी/एसटी समुदाय के खिलाफ नफरत और दुश्मनी भड़काना है। इसके बाद कर्नाटक पुलिस ने  मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।  पुलिस ने इस मामले में जेपी नड्डा, अमित मालवीय और कर्नाटक बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वाई विजयेंद्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। 

कर्नाटक पुलिस ने 7 दिनों के अंदर मांगा जवाब
जेपी नड्डा और अमित मालवीय को दिए गए नोटिस में समन मिलने के सात दिनों के भीतर सुबह 11 बजे हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन में जांच अधिकारी के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया है। बता दें कि इससे पहले चुनाव आयोग भी इस वीडियो को लेकर संज्ञान ले चुका है। चुनाव आयोग ने मंगलवार 7 मई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के नोडल अधिकारी को इस वीडियो काे अपने प्लेटफॉर्म से हटाने का निर्देश दिया था। X को आयोग की ओर से जारी नोटिस में कहा गया था कि वीडियो चुनाव नियमों का उल्लंघन करता है,  इसलिए आप इसे तुरंत अपने प्लेटफॉर्म से डाउन करें।

आखिर वीडियो को लेकर क्यों शुरू हुआ विवाद

  • बता दें कि सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक एनिमेटेड वीडियो काे लेकर सारा विवाद शुरू हुआ।  शिकायत दर्ज कराने वाले रमेश बाबू कर्नाटक कांग्रेस के मीडिया और कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के चेयरमैन हैं। वीडियो में राहुल गांधी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के एनिमेटेड कैरेक्टर को दिखाया गया है। इसके साथ ही इसमें  एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों को घोंसले में रखे अंडे की तरह दिखाया गया है।
  • वीडियो में राहुल गांधी का एनिमेटेड कैरेक्टर इस घोंसले में मुस्लिम समुदाय लिखे एक अंडे को इस घोंसले में रख रहा है। वीडियो के जरिए यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि सारे फंड्स मुस्लिम समुदाय वाले अंडे से निकले चूजों को सभी फंड्स का दाना खिलाया जा रहा है। बाद में यही चूजे घोंसले में रखे एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय लिखे दूसरे अंडाें को घोंसले से लात मारकर बाहर निकाल रहे हैं। 

कांग्रेस ने वीडियो को बताया था नियमों का उल्लंघन
कर्नाटक कांग्रेस ने वीडियो की निंदा करते हुए बीजेपी पर इस वीडियो के जरिए एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के वोटों को प्रभावित करने का आरोप लगाया है। ऐसा दिखाने की कोशिश की गई है कि कांग्रेस पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को मिलने वाले लाभ कांग्रेस मुस्लिम समुदाय में बांट देगी। ऐसा करना गैरकानूनी है और यह अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989 के तहत गैर कानूनी अपराध है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से सवाल किया था कि आखिर इस प्रकार के वीडियो को बीजेपी के आधिकारिक सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की मंजूरी क्यों दी गई। इस पर एक्शन लिया जाए। 

 बीजेपी नेताओं ने कुछ कानूनों का उल्लंघन किया: कर्नाटक के गृह मंत्री
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को कर्नाटक पुलिस द्वारा तलब किए जाने पर कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर ने कहा कि उन्होंने जो बयान दिया है वह सांप्रदायिक मतभेद भड़काने वाले कुछ कानूनों को उल्लंघन है। यही वजह है कि उन्हें नोटिस जारी किया गया है। एक बार वे आएं और बयान दें, अअपने बयान पर स्पष्टिकरण दें। इसके बाद देखेंगे कि पुलिस क्या कार्रवाई करेगी।

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