थम सकती है मोदी की लहर, भाजपा को खतरे का एहसास

By - haribhoomi.com |21 March 2014 12:00 AM IST
2004 में भी पार्टी के जुझारू कार्यकर्ता पार्टी से नाराज होकर घर बैठ गए थे और पार्टी को फीलगुड की जगह फीलबैड हो गया था।
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इलाके के लिए अनजान हैं
इन सभी के लिए ये चुनाव क्षेत्र बिलकुल अनजान हैं। दिल्ली में उदित राज, महेश गिरि व मनोज तिवारी को भी कार्यकर्ता स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। महाराष्ट्र में हिना गावित भी इसी श्रेणी में हैं। इस तरह की सूची बहुत लंबी है। दूसरी तरफ पार्टी में आडवाणी, जोशी, लालजी टंडन के बाद अब नाराज नेताओं की सूची में जसवंत सिंह का नाम भी शामिल हो गया है। भाजपा भी मान रही है कि मोदी की लहर के बावजूद यदि नाराज कार्यकर्ता चुनाव प्रचार करने के बजाय घर बैठ गया तो मिशन 272 को परवान चढ़ाना मुश्किल हो सकता है।
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