मेनका की कर्मभूमि पीलीभीत पर कांग्रेस की नजरें, तैयार हुआ राग-द्वेष का मिश्रण

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By - haribhoomi.com |11 April 2014 6:30 PM
वर्ष 1991 के उप चुनाव में भाजपा के मुकाबले वह अपनी सीट नहीं बचा सकी।
नई दिल्ली। कांग्रेस के विजयी रथ को लगातार रोकती आ रही मेनका गांधी के लिए यह सीट दूसरे गांधी परिवार के रूप में कर्मभूमि बनना इसका बड़ा कारण है। हालांकि यहां अपनी सियासी जमीन को हासिल करने के लिए कांग्रेस की नजरें इस बार कुछ तिरछी देखी जा रही हैं।
देश के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू गांधी परिवार की बहू मेनका गांधी ने ससुराल से अलगाव के बाद वर्ष 1984 में अमेठी से अपने ज्येष्ठ राजीव गांधी के खिलाफ चुनाव हारने के कारण अपना संसदीय क्षेत्र पीलीभीत को चुना और वर्ष 1989 में जनता दल के टिकट से चुनाव लड़कर कांग्रेस के विजय रथ को तो मंडल कमीशन की लहर में रोकने में सफल रही।
नीचे की स्लाइड्स में जानिए, मेनका को हराने के लिए कांग्रेस ने किसको उतारा सामने-
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