Health Tips: रात को क्यों रोता है आपक बच्चा, जानिए शारीरिक और मानसिक कारण

हर मां-बाप के लिए अपने बच्चे की नींद में अचानक तेज रोने की आवाज सुनना चिंता का विषय बन जाता है। दिनभर हंसता-खेलता बच्चा अगर रात होते ही बार-बार जागकर रोने लगे, तो यह केवल उसकी नींद ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार की मानसिक शांति को भी प्रभावित करता है। अक्सर माता-पिता इसे सामान्य मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन रात को बच्चे के रोने के पीछे सिर्फ भूख या डर ही नहीं, बल्कि कुछ गंभीर शारीरिक और मानसिक कारण भी हो सकते हैं। सही समय पर इन संकेतों को समझना न केवल बच्चे की सेहत के लिए जरूरी है, बल्कि उसके मानसिक विकास में भी सहायक होता है।
भूख या प्यास
छोटे बच्चे अक्सर खुद से यह नहीं बता पाते कि उन्हें भूख या प्यास लगी है। रात के समय जब शरीर आराम की स्थिति में होता है, तब थोड़ी सी असुविधा भी उन्हें बेचैन कर देती है और वे रोने लगते हैं।
डायपर की गीलापन
गीला डायपर, जलन या रैशेज़ बच्चों के सोने में खलल डालते हैं। अगर बच्चा अचानक रोने लगे, तो सबसे पहले डायपर की स्थिति जांचें। लंबे समय तक गीले डायपर से इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है।
पेट में गैस या अपच
पेट में गैस या दूध न पचने के कारण बच्चों को तकलीफ होती है, जो उन्हें रात में रुला सकती है। ऐसे में बच्चा पेट पकड़कर रो सकता है या शरीर को सिकोड़ लेता है।
डरावने सपने
कुछ बच्चे नींद में डरावने सपने या अचानक झटके महसूस करते हैं। यह खासकर उन बच्चों में होता है जो दिनभर ज्यादा उत्तेजित रहते हैं या टीवी-मोबाइल पर हिंसात्मक चीजें देखते हैं।
मानसिक अस्थिरता या बदलाव
घर के वातावरण में बदलाव (जैसे नए सदस्य का आना, घर बदलना, माता-पिता की झगड़े की स्थिति) बच्चों को मानसिक रूप से असहज कर सकती है। इससे उन्हें रात में डर या बेचैनी महसूस होती है और वे रोने लगते हैं।
क्या करें माता-पिता?
बच्चे को सुलाने से पहले हल्का और सुपाच्य भोजन दें।
सोने से पहले हल्के हाथों से मसाज करें ताकि शरीर को आराम मिले।
सोने का एक रूटीन बनाएं और मोबाइल/टीवी से दूर रखें।
(Disclaimer): इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य स्वास्थ्य सुझावों पर आधारित है। यह किसी डॉक्टर की सलाह का विकल्प नहीं है। यदि आपके बच्चे की समस्या गंभीर हो या बार-बार हो रही हो, तो कृपया किसी योग्य बाल रोग विशेषज्ञ या चिकित्सक से संपर्क अवश्य करें।