Digital Fasting: हेल्दी रहने के लिए डिजिटल फास्टिंग भी है ज़रूरी, जानिए कैसे मिलता है हमारे शरीर को फायदा

digital fasting health benefits
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डिजिटल फास्टिंग के फायदे।

Digital Fasting: डिजिटल फास्टिंग बहुत से लोगों के लिए नया शब्द हो सकता है। हालांकि, आज के वक्त में ये फास्टिंग करना भी बेहद जरूरी है।

Digital Fasting: आज की तेज रफ्तार और तकनीक-निर्भर दुनिया में मोबाइल, लैपटॉप और सोशल मीडिया जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। हम सुबह आंख खोलने से लेकर रात को सोने तक स्क्रीन से चिपके रहते हैं। इस आदत ने जहां हमारी लाइफ को सुविधाजनक बनाया है, वहीं इसके अत्यधिक इस्तेमाल ने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर भी डाला है। ऐसे में एक नया ट्रेंड ‘Digital Fasting’ यानी डिजिटल उपवास तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

डिजिटल फास्टिंग का मकसद यह है कि हम कुछ समय के लिए जानबूझकर खुद को डिजिटल उपकरणों से दूर रखें। यह प्रक्रिया न सिर्फ मानसिक सुकून देती है, बल्कि फोकस, नींद और रिश्तों की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाती है। आइए जानें कि डिजिटल फास्टिंग आखिर क्या है, इसे कैसे अपनाया जा सकता है, और हेल्दी लाइफ के लिए यह क्यों जरूरी बनती जा रही है।

क्या है डिजिटल फास्टिंग?

डिजिटल फास्टिंग का मतलब होता है कुछ समय के लिए स्मार्टफोन, टीवी, लैपटॉप, सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल गैजेट्स से दूरी बनाना। यह एक तरह का 'डिजिटल ब्रेक' है, जिसका उद्देश्य दिमाग को रीसेट करना और डिजिटल ओवरलोड से राहत पाना होता है। जैसे धार्मिक उपवास में शरीर को डिटॉक्स किया जाता है, वैसे ही डिजिटल फास्टिंग से मानसिक डिटॉक्स किया जाता है।

क्यों जरूरी है डिजिटल उपवास?

लगातार स्क्रीन देखने से आंखों में थकावट, सिरदर्द, नींद की समस्या, स्ट्रेस और एकाग्रता में कमी जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। रिसर्च बताती है कि अत्यधिक डिजिटल कनेक्टिविटी से डोपामिन का असंतुलन होता है, जिससे व्यक्ति हर समय नोटिफिकेशन, लाइक्स और शेयर के पीछे भागता रहता है। डिजिटल फास्टिंग इन लक्षणों से राहत देने में बेहद प्रभावी माना गया है।

कब और कैसे करें Digital Fasting?

डिजिटल फास्टिंग को अपनाना बेहद आसान है। शुरुआत में आप रोज़ाना 1–2 घंटे के लिए मोबाइल या किसी भी डिजिटल स्क्रीन से दूरी बना सकते हैं। सप्ताह में एक दिन ‘डिजिटल डिटॉक्स डे’ के रूप में रखा जा सकता है। इस दौरान किताबें पढ़ें, बाहर टहलें, परिवार से बात करें या योग और मेडिटेशन करें।

फायदे जो बदल सकते हैं आपकी लाइफ

बेहतर नींद: स्क्रीन से दूरी नींद की गुणवत्ता में सुधार लाती है।

मानसिक स्पष्टता: डिजिटल ब्रेक से दिमाग अधिक शांत और केंद्रित होता है।

सकारात्मक रिश्ते: परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताकर भावनात्मक जुड़ाव बढ़ता है।

कम स्ट्रेस: सोशल मीडिया की तुलना और निगेटिविटी से दूरी मिलने पर मानसिक तनाव घटता है।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)



(कीर्ति)

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