Vitamin D Deficiency: 5 संकेतों से समझें विटामिन डी हो गया है कम, इन तरीकों से दूर करें कमी

vitamin d deficiency and treatment
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विटामिन डी की कमी के संकेत और इलाज।

Vitamin D Deficiency: विटामिन डी शरीर में पर्याप्त मात्रा में रहना जरूरी है। इसकी कमी होने पर शरीर में कुछ लक्षण दिखने लगते हैं।

Vitamin D Deficiency: विटामिन डी को सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है क्योंकि यह हमारी सेहत के लिए धूप से मिलने वाला सबसे ज़रूरी पोषक तत्व है। विटामिन डी शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने, इम्यून सिस्टम को दुरुस्त रखने और मांसपेशियों को ऊर्जा देने में अहम भूमिका निभाता है। लेकिन आजकल लोगों में विटामिन डी की कमी तेजी से देखने को मिल रही है।

अगर शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाए, तो यह कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। थकान, हड्डियों का दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी और बार-बार बीमार पड़ना इसके प्रमुख संकेत माने जाते हैं। आइए जानते हैं विटामिन डी की कमी के लक्षण और बचाव के टिप्स।

विटामिन डी की कमी के लक्षण

हड्डियों और जोड़ों में दर्द: विटामिन डी हड्डियों के लिए कैल्शियम को एब्जॉर्ब करने में मदद करता है। इसकी कमी होने पर हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे पीठ दर्द, जोड़ों में अकड़न और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।

थकान और कमजोरी: शरीर में लगातार थकान महसूस होना और एनर्जी की कमी रहना विटामिन डी की कमी का बड़ा संकेत है। इसकी वजह से रोजमर्रा का काम भी भारी लगने लगता है।

बार-बार बीमार पड़ना: विटामिन डी इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। इसकी कमी से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है, जिससे सर्दी-जुकाम या इंफेक्शन जल्दी पकड़ लेते हैं।

मूड स्विंग और डिप्रेशन: रिसर्च बताती हैं कि विटामिन डी का लेवल कम होने पर तनाव, चिंता और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याएं बढ़ सकती हैं।

बालों का झड़ना और घाव का देर से भरना: विटामिन डी की कमी कई परेशानियां पैदा कर सकती हैं। बालों का झड़ना भी उनमें से एक है। इस विटामिन की कमी से शरीर में हुए घाव भी देर से भरते हैं, जिससे रिकवरी स्लो हो जाती है।

विटामिन डी की कमी दूर करने के तरीके

धूप में समय बिताएं: सुबह 7 से 9 बजे तक की हल्की धूप विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत है। रोज़ाना 15-20 मिनट धूप लेने से शरीर में नेचुरली विटामिन डी बनता है।

डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करें: दूध, दही, पनीर और घी जैसे डेयरी उत्पादों में विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इन्हें रेगुलर डाइट में शामिल करने से कमी दूर होती है।

मछली और अंडे का सेवन: अगर आप नॉन-वेजिटेरियन हैं, तो सैल्मन, टूना और मैकेरल जैसी मछलियों के साथ-साथ अंडे की जर्दी विटामिन डी का अच्छा स्रोत है।

सप्लीमेंट्स लें: शरीर में अगर विटामिन डी की कमी ज्यादा है, तो डॉक्टर की सलाह से विटामिन डी सप्लीमेंट्स या कैप्सूल लिए जा सकते हैं। इन्हें बिना सलाह के लेना नुकसानदेह हो सकता है।

मशरूम और फोर्टिफाइड फूड खाएं: मशरूम, ओट्स, और फोर्टिफाइड सीरियल्स भी विटामिन डी का अच्छा विकल्प हैं। शाकाहारी लोग इन्हें आसानी से अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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लेखक: (कीर्ति)

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