Painkiller in Periods: पीरियड्स के दर्द में पेन किलर लेना सही या गलत? जानिए पूरी जानकारी

हर महीने आने वाला वो समय जब शरीर और मन दोनों थके-थके से लगते हैं। पेट के नीचे मरोड़, पीठ में भारीपन और पूरे शरीर में अजीब सी बेचैनी, पीरियड्स का दर्द कई महिलाओं के लिए किसी सजा से कम नहीं होता. ऐसे में बहुत सी महिलाएं पेनकिलर दवाओं का सहारा लेती हैं, ताकि वो अपने कामकाज में डिस्टर्ब न हों. लेकिन सवाल यह है कि क्या यह तरीका सही है? क्या बार-बार पेनकिलर लेना शरीर को अंदर से नुकसान पहुंचा सकता है? या यह एक सुरक्षित उपाय है।
क्या पेनकिलर लेना सुरक्षित है?
अगर सीमित मात्रा और डॉक्टर की सलाह से लिया जाए तो पेनकिलर सुरक्षित माने जाते हैं। लेकिन बार-बार इनका सहारा लेना खतरनाक हो सकता है।
कब हो सकता है पेनकिलर नुकसानदायक?
लगातार हर महीने पेनकिलर लेना
खाली पेट दवा लेना
पहले से गैस्ट्रिक या लीवर की बीमारी होना
बिना डॉक्टर की सलाह के डोज़ बढ़ाना
इन स्थितियों में पेनकिलर लेने से गैस्ट्रिक अल्सर, किडनी प्रॉब्लम और लिवर पर असर हो सकता है।
क्या हैं कुछ नेचुरल विकल्प?
गर्म पानी की बोतल पेट या पीठ पर रखें
हल्का व्यायाम या वॉक करें
अदरक-शहद की चाय पिएं
हरी पत्तेदार सब्जियां और आयरन युक्त आहार लें
योगासन जैसे बालासन और भुजंगासन करें
कब डॉक्टर से मिलना जरूरी है?
अगर दर्द इतना तेज हो कि आप रोज के काम न कर पाएं
दर्द 3 दिन से ज्यादा बना रहे
दर्द के साथ भारी ब्लीडिंग, चक्कर या उल्टी हो
पीरियड्स का दर्द हर महिला का व्यक्तिगत अनुभव होता है। अगर दर्द सहन से बाहर है, तो पेनकिलर लेना गलत नहीं है, बशर्ते इसे सही मात्रा और डॉक्टर की सलाह से लिया जाए। साथ ही, लाइफस्टाइल सुधार, डाइट और योग जैसे प्राकृतिक उपाय भी अपनाने चाहिए। याद रखें, शरीर की सुनना भी उतना ही जरूरी है जितना दूसरों की सलाह को समझना।
(Disclaimer): ये लेख सामान्य जानकारी के लिए दिया गया है। हरिभूमि इसकी पुष्टि नहीं करता, अगर आपको ज्यादा दर्द होता है तो डॉक्टर की सलाह के बिना पेनकिलर लेने से बचें।