Health Tips: ठंडी हवा का हड्डियों पर असर! क्या एसी में सोनो से पहुंच सकता है नुकसान?

Health Tips: गर्मियों में एसी की ठंडी हवा किसी वरदान से कम नहीं लगती। धूप से झुलसी त्वचा और पसीने से भीगी कमीज के बाद जैसे ही कमरे में एसी की ठंडक मिलती है, शरीर को एक सुकून मिलता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह राहत देने वाली हवा आपकी हड्डियों के लिए छिपा हुआ खतरा बन सकती है? क्या लगातार एसी में रहना या एसी में सोना हड्डियों की सेहत पर असर डाल सकता है?
ठंडी हवा और हड्डियों का रिश्ता
एसी की हवा वातावरण की नमी को सोख लेती है, जिससे कमरे में सूखापन आ जाता है। इस सूखे वातावरण में हड्डियों और जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है। कई बार लोग सुबह उठते हैं तो गर्दन या कमर अकड़ी होती है। इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
ब्लड सर्कुलेशन पर असर
एसी का तापमान बहुत कम होने पर शरीर की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे खून का बहाव कम हो जाता है। यह प्रक्रिया खासकर उन लोगों के लिए खतरनाक हो सकती है जिन्हें पहले से आर्थराइटिस या गठिया जैसी समस्याएं हैं।
ठंडे तापमान में मांसपेशियों की प्रतिक्रिया
जब शरीर लंबे समय तक ठंडी हवा में रहता है, तो मांसपेशियां सख्त होने लगती हैं। इससे मूवमेंट में रुकावट आ सकती है और अगर शरीर पहले से थका हुआ हो तो रिकवरी में भी दिक्कत हो सकती है।
किन लोगों को ज्यादा खतरा हो सकता है?
बुजुर्गों को एसी में सोने से दिक्कत हो सकती है
गठिया या जोड़ों के दर्द से जूझ रहे लोगों को एसी में नहीं सोना चाहिए
छोटे बच्चों को एसी में नहीं सुलाना चाहिए
बचने के लिए क्या करना चाहिए?
एसी का तापमान 24–26 डिग्री के बीच रखना चाहिए
सीधी हवा में सोने से बचना चाहिए
कमरे में थोड़ी नमी बनाए रखें, लेकिन ज्यादा तेज एसी न चलाएं
दिन में थोड़ी देर बाहर की गर्माहट में समय बिताएं
(Disclaimer): ये लेख सामान्य जानकारी के लिए दिया गया है। हरिभूमि इसकी पुष्टि नहीं करता, अगर आपको हड्डियों में दिक्कत है तो डॉक्टर की सलाह के बिना एसी में सोने से बचना चाहिए।
