Shefali Jariwala: शेफाली जरीवाला की कार्डियक अरेस्ट से मौत, जानिए क्यों कम उम्र में बढ़ रहा हार्ट डिजीज का खतरा?

शैफाली जरीवाला का कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया है।
Shefali Jariwala Death: टीवी और म्यूजिक इंडस्ट्री की जानी-मानी हस्ती शेफाली जरीवाला का आकस्मिक निधन 42 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट से हो गया। ‘कांटा लगा’ गर्ल और बिग बॉस 13 फेम शेफाली की अचानक मौत ने उनके प्रशंसकों और टीवी इंडस्ट्री को गहरे सदमे में डाल दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें 27 जून की रात अचानक सीने में तेज दर्द हुआ और वे बेहोश हो गईं। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
कम उम्र में इस तरह का कार्डियक अरेस्ट होना एक डरावनी हकीकत बन चुका है। पिछले कुछ सालों में युवाओं में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़े हैं। जहां पहले हृदय रोग बुजुर्गों की बीमारी मानी जाती थी, अब यह 30 से 45 वर्ष की उम्र के लोगों को भी अपनी चपेट में ले रहा है।
क्या होता है कार्डियक अरेस्ट?
कार्डियक अरेस्ट एक गंभीर और अचानक होने वाली हृदय संबंधी स्थिति है, जिसमें हृदय की धड़कनें अचानक रुक जाती हैं। यह तब होता है जब दिल की इलेक्ट्रिकल प्रणाली में गड़बड़ी आ जाती है, जिससे दिल पंप करना बंद कर देता है और शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन युक्त रक्त पहुंचना रुक जाता है। कार्डियक अरेस्ट के दौरान व्यक्ति अचानक बेहोश हो सकता है, उसकी सांसें रुक सकती हैं और पल्स महसूस नहीं होता। यदि तुरंत CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) और मेडिकल सहायता न मिले, तो कुछ ही मिनटों में यह जानलेवा साबित हो सकता है।
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या फर्क है?
हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय की धमनियों में रुकावट आ जाती है और दिल को ऑक्सीजन नहीं मिलती। यह एक ब्लड फ्लो की समस्या होती है।
कार्डियक अरेस्ट अचानक दिल की धड़कनों का बंद हो जाना है, जो एक इलेक्ट्रिकल फेल्योर के कारण होता है। इसमें पल्स रुक जाती है और व्यक्ति कुछ ही मिनटों में बेहोश होकर मौत के करीब पहुंच जाता है।
यानी हार्ट अटैक धीरे-धीरे विकसित हो सकता है, जबकि कार्डियक अरेस्ट तुरंत जानलेवा हो सकता है। हार्ट अटैक से कार्डियक अरेस्ट हो सकता है, लेकिन दोनों एक जैसे नहीं हैं।
कम उम्र में क्यों हो रहे हैं हृदय संबंधी खतरे?
अनहेल्दी लाइफस्टाइल:
अत्यधिक तनाव, देर रात तक काम, नींद की कमी, जंक फूड और व्यायाम की कमी हार्ट के लिए घातक साबित हो रही है।
शुगर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर:
20–30 की उम्र में भी डायबिटीज, हाई बीपी और बैड कोलेस्ट्रॉल युवाओं को प्रभावित कर रहे हैं, जिससे हार्ट की कार्यक्षमता कमजोर होती है।
स्मोकिंग और एल्कोहल:
सिगरेट, शराब और नशे के सेवन से हृदय की रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं, जिससे कार्डियक अरेस्ट का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
जेनेटिक फैक्टर और हार्मोनल असंतुलन:
कुछ मामलों में हार्ट डिजीज पारिवारिक इतिहास के कारण भी हो सकती है, खासकर यदि मां-बाप को 50 की उम्र से पहले हृदय रोग रहा हो।
बचाव कैसे करें?
नियमित चेकअप: ECG, ईको टेस्ट, लिपिड प्रोफाइल जैसे टेस्ट समय-समय पर कराएं।
एक्टिव लाइफस्टाइल: रोजाना 30 मिनट वॉक या व्यायाम करें।
तनाव कम करें: ध्यान, योग और पर्याप्त नींद जरूरी है।
संतुलित भोजन लें: नमक, चीनी और तेल का सेवन सीमित करें।
सीपीआर जानकारी रखें: आपात स्थिति में CPR जानना किसी की जान बचा सकता है।
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।)