3-डी प्रिंटिंग से बन सकेंगी हड्डियां
30% बोन पाउडर और स्टेम सेल का भी होगा प्रयोग

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haribhoomi.comCreated On: 30 May 2016 12:00 AM GMT
मुंबई. 3डी प्रिटिंग को लेकर कई तरह के रिसर्च चल रहे हैं। इससे अब मानव अंग बनाने के प्रयास भी किये जा रहे हैं। हाल ही में अमेरिका के जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में भी इस पर एक रिसर्च किया गया है। वहां ऐसे मेटेरियल पर रिसर्च चल रहा है, जिसकी मदद से 3डी प्रिंटिंग के जरिए नई हड्डियां बनायी जा सकें।
इससे पहले 3डी प्रिंटिंग के जरिये जो भी हड्डियां बनायी गयी हैं, वे पूरी तरह से कृत्रिम थीं। मगर अब जो हड्डियां तैयार की जा रही हैं, उनके मेटेरियल में 30% मानव हड्डियां मिली हुई हैं। इसमें बायोडीग्रेडेबल पॉलिएस्टर का इस्तेमाल हुआ है।
कृत्रिम चीजों के इस्तेमाल से हमारा शरीर प्लास्टिक की चीज से तालमेल नहीं बैठा पाता है, मगर यदि इसमें बोन पाउडर का प्रयोग होता है, तो शरीर की कोशिकाओं को आकर्षित करता है और उसके आसपास नेचुरल टिश्यू बन जाते हैं।
इस मेटेररियल का यूज करके इसे किसी भी हड्डी का शेप दिया जा सकता है। अब डॉक्टरों की निर्भरता दूसरों द्वारा दान की हुई हड्डियों पर नहीं होगी। इस रिसर्च में चूहे की खोपड़ी में छोटा छेड कर दिया गया।
अब उस छेद को 3डी प्रिंटेड मेटेरियल से भर दिया गया है। इसके साथ में ही स्टेम सेल का भी प्रयोग किया गया। अब उसके ठीक होने की प्रक्रिया पर नजर रखी गयी। पता चला कि पूरी तरह से कृत्रिम चीजों से बनी हड्डियों की तुलना में इन नहीं हड्डियों के आसपास नये टिश्यू का ग्रोथ अधिक हुआ था।
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